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China's investment in Bengal is less as compared to Mumbai and Delhi, Chinese envoy claimed
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China in Bengal: मुंबई व दिल्ली की तुलना में बंगाल में चीन का निवेश कम, चीन के दूत ने किया दावा
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विवेक दास
Updated Sat, 26 Nov 2022 11:00 AM IST
सार
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China in Bengal: भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार ने 2021 में 125 अरब डालर से अधिक के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छुआ और यह ऐसे समय में हुआ जब पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच लंबे समय से जारी गतिरोध के कारण दोनों देशों के संबंधों में तनाव पैदा हो गया था।
कोलकाता में चीन के वाणिज्य दूत झा लियू ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात की तुलना में चीन का निवेश कम है। लियू ने शुक्रवार को कहा कि वह राज्य में चीनी निवेश बढ़ाने की संभावनाएं तलाश रहे हैं।
हालांकि, उन्होंने कहा कि चीन की सबसे बड़ी बिजली उत्पादन उपकरण निर्माण कंपनी ‘डोंगफैंग इलेक्ट्रिक’ ने कोलकाता के बाहरी इलाके न्यूटाउन क्षेत्र में अपना कार्यालय स्थापित किया है, जबकि एक अन्य इकाई, ‘न्यू होप’ और ऑटोमोटिव कंपनी ‘एसएआईसी’ भी यहां मौजूद हैं। लियू ने ‘भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स’ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मुंबई, दिल्ली या गुजरात की तुलना में पश्चिम बंगाल में चीन का निवेश बहुत कम है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यहां कंपनियां उत्पादन बढ़ाना चाहती हैं, लेकिन अपने वीजा की अवधि नहीं बढ़ा पाने के बाद वे ऐसा नहीं कर पा रही हैं। इसलिए मैं इस तरह की बातचीत पर जोर देना चाहता हूं।
उल्लेखनीय है कि भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार ने 2021 में 125 अरब डालर से अधिक के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छुआ और यह ऐसे समय में हुआ जब पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच लंबे समय से जारी गतिरोध के कारण दोनों देशों के संबंधों में तनाव पैदा हो गया था।
भारत में बढ़ते चीनी आयात की पृष्ठभूमि में, पश्चिम बंगाल के पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा ने पड़ोसी देश के साथ व्यापार पर केंद्र की निर्भरता को लेकर गुरुवार को कटाक्ष किया था। वर्तमान में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रधान मुख्य सलाहकार मित्रा ने पूर्वानुमान जताया कि चीन से आयात पर भारत की निर्भरता 2014 की तुलना में दोगुनी हो जाएगी।
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