न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Tue, 26 Apr 2022 07:53 PM IST
डीएपी खाद पर प्रति कुंटल 300 रुपये बढ़ाए जाने के बीच पंजाब सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। डीएपी की कालाबाजारी रोकने के लिए अब 70 फीसदी बिक्री सहकारी समितियों के जरिये की जाएगी। सरकार के नए आदेश के तहत सिर्फ 30 फीसदी डीएपी खाद की बिक्री का निजी क्षेत्रों के पास अधिकार रहेगा।
राज्य में आने वाले धान के सीजन में डीएपी खाद की किल्लत को लेकर पंजाब सरकार ने अभी से प्रयास शुरू कर दिए हैं। 2021 में धान के सीजन में डीएपी को लेकर काफी मारामारी हुई थी। इससे सबक लेते हुए पंजाब सरकार ने इस बार डीएपी खाद को लेकर बड़ा फैसला लिया है।
सरकार के सहकारिता विभाग ने तय किया है कि धान के सीजन के दौरान पंजाब में आवश्यक कुल डीएपी का 70 प्रतिशत हिस्सा सहकारी समितियों के माध्यम से बेचा जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे डीएपी के भंडारण और कालाबाजारी को रोकने में काफी मदद मिलेगी। सहकारिता मंत्री हरपाल चीमा के आदेश में दिया है कि आने वाले सीजन में केवल 30 प्रतिशत निजी क्षेत्र को बिक्री के लिए आवंटित किया जाएगा। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को इसकी पूरी तैयारी करने का निर्देश दिया है।
2021 में 5.50 लाख एमटी की थी मांग
2021 में पंजाब ने केंद्र से 5.50 लाख मीट्रिक टन खाद की मांग की थी। हालांकि केंद्र के द्वारा पंजाब को मांग के विपरीत 41 प्रतिशत डीएपी खाद का कोटा ही आवंटित किया गया था। जबकि हरियाणा को 89 और उत्तर प्रदेश को 170 प्रतिशत, राजस्थान को 88 फीसदी डीएपी का कोटा आवंटित किया गया था।
नहीं बचेंगे भंडारण करने वाले
डीएपी खाद का भंडारण न हो इसके लिए सहकारिता विभाग फुलप्रूफ योजना पर काम कर रहा है। योजना में भंडारण करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। अगर कोई डीएपी का भंडारण करता है तो उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्जकर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
विस्तार
डीएपी खाद पर प्रति कुंटल 300 रुपये बढ़ाए जाने के बीच पंजाब सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। डीएपी की कालाबाजारी रोकने के लिए अब 70 फीसदी बिक्री सहकारी समितियों के जरिये की जाएगी। सरकार के नए आदेश के तहत सिर्फ 30 फीसदी डीएपी खाद की बिक्री का निजी क्षेत्रों के पास अधिकार रहेगा।
राज्य में आने वाले धान के सीजन में डीएपी खाद की किल्लत को लेकर पंजाब सरकार ने अभी से प्रयास शुरू कर दिए हैं। 2021 में धान के सीजन में डीएपी को लेकर काफी मारामारी हुई थी। इससे सबक लेते हुए पंजाब सरकार ने इस बार डीएपी खाद को लेकर बड़ा फैसला लिया है।
सरकार के सहकारिता विभाग ने तय किया है कि धान के सीजन के दौरान पंजाब में आवश्यक कुल डीएपी का 70 प्रतिशत हिस्सा सहकारी समितियों के माध्यम से बेचा जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे डीएपी के भंडारण और कालाबाजारी को रोकने में काफी मदद मिलेगी। सहकारिता मंत्री हरपाल चीमा के आदेश में दिया है कि आने वाले सीजन में केवल 30 प्रतिशत निजी क्षेत्र को बिक्री के लिए आवंटित किया जाएगा। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को इसकी पूरी तैयारी करने का निर्देश दिया है।
2021 में 5.50 लाख एमटी की थी मांग
2021 में पंजाब ने केंद्र से 5.50 लाख मीट्रिक टन खाद की मांग की थी। हालांकि केंद्र के द्वारा पंजाब को मांग के विपरीत 41 प्रतिशत डीएपी खाद का कोटा ही आवंटित किया गया था। जबकि हरियाणा को 89 और उत्तर प्रदेश को 170 प्रतिशत, राजस्थान को 88 फीसदी डीएपी का कोटा आवंटित किया गया था।
नहीं बचेंगे भंडारण करने वाले
डीएपी खाद का भंडारण न हो इसके लिए सहकारिता विभाग फुलप्रूफ योजना पर काम कर रहा है। योजना में भंडारण करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। अगर कोई डीएपी का भंडारण करता है तो उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्जकर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।