भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने वीरवार सुबह सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेका और अरदास की। सुनील गावस्कर ने पवित्र परिक्रमा के दर्शन भी किए और मुख्य भवन में सुशोभित श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के आगे नतमस्तक होकर प्रसाद भी ग्रहण किया। गावस्कर ने श्री गुरु राम दास जी लंगर हॉल में पंगत में बैठ कर लंगर भी छका। उनके साथ आए सिख नौजवान ने उन्हें सिख सिद्धांतों और गुरु मर्यादाओं के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्होंने कोरोना वायरस के खात्मे और सरबत के भले की अरदास की है। उन्होंने गुरु साहिबान के आगे प्रार्थना की है कि कोरोना वायरस का कोई हल निकले। कोरोना वायरस का क्रिकेट में भी असर पड़ेगा क्योंकि सरकार ने किसी भी स्थान में लोगों के जुटने पर पाबंदी लगा दी है। अब यह देखना होगा कि आगामी आईपीएल मैचों में कोरोना वायरस का कितना असर पड़ता है।
उन्होंने कहा कि वह भारत-साउथ अफ्रीका के बीच धर्मशाला के क्रिकेट स्टेडियम में शुरू होने वाले पहले मैच में कमेंट्री के लिए जाने वाले थे, लेकिन उनकी उड़ान अमृतसर हवाई अड्डे में डायवर्ट हो गई। श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेक कर वह धन्य हो गए हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने वीरवार सुबह सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेका और अरदास की। सुनील गावस्कर ने पवित्र परिक्रमा के दर्शन भी किए और मुख्य भवन में सुशोभित श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के आगे नतमस्तक होकर प्रसाद भी ग्रहण किया। गावस्कर ने श्री गुरु राम दास जी लंगर हॉल में पंगत में बैठ कर लंगर भी छका। उनके साथ आए सिख नौजवान ने उन्हें सिख सिद्धांतों और गुरु मर्यादाओं के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्होंने कोरोना वायरस के खात्मे और सरबत के भले की अरदास की है। उन्होंने गुरु साहिबान के आगे प्रार्थना की है कि कोरोना वायरस का कोई हल निकले। कोरोना वायरस का क्रिकेट में भी असर पड़ेगा क्योंकि सरकार ने किसी भी स्थान में लोगों के जुटने पर पाबंदी लगा दी है। अब यह देखना होगा कि आगामी आईपीएल मैचों में कोरोना वायरस का कितना असर पड़ता है।
उन्होंने कहा कि वह भारत-साउथ अफ्रीका के बीच धर्मशाला के क्रिकेट स्टेडियम में शुरू होने वाले पहले मैच में कमेंट्री के लिए जाने वाले थे, लेकिन उनकी उड़ान अमृतसर हवाई अड्डे में डायवर्ट हो गई। श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेक कर वह धन्य हो गए हैं।