2012 में एनआरआई नवनीत सिंह के अपहरण और एक करोड़ फिरौती मामले में सोमवार को कनाडा से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई। शिकायतकर्ता का अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय की कोर्ट में क्रॉस एग्जामिनेशन हुआ। बचाव पक्ष ने उससे संबंधित घटना, आरोपियों, जगह और समय को लेकर सवाल किए। बचाव पक्ष के अनुसार, शिकायतकर्ता के पूर्व में दिए बयानों और क्रॉस में कई तथ्यों में मतभेद सामने आया है। केस की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।
बचाव पक्ष के वकील विशाल गर्ग नरवाना के अनुसार, नवनीत के क्रॉस में उसके बयानों में मतभेद सामने आए हैं। इससे पहले उसने उसे किडनैप करने की बात कही थी, लेकिन सोमवार को उसने कहा कि वह अपनी मर्जी से गया था। इसके बाद उसे वहां से किडनैप किया गया। बचाव पक्ष ने जब नवनीत से पूछा कि उसे किस वक्त किडनैप किया गया था तो उसने कोर्ट को बताया कि उसे सही समय याद नहीं है, लेकिन इतना याद है कि यह घटना आधी रात के आसपास की है। नवनीत के अनुसार, उसे कमरे में बंद किया हुआ था, लेकिन उसका दरवाजा खुला था।
शिकायतकर्ता ने क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान बताया कि घटना के बाद 16-17 अप्रैल को वह कनाडा वापस चला गया था। इसके बाद से वह भारत नहीं आया। वहीं नवनीत ने बचाव पक्ष के सवाल पर जवाब दिया कि जिस वक्त पुलिस ने उसे आरोपियों के चंगुल से छुड़ाया था, उस वक्त आरोपी संजीव पुलिस के साथ ही था।
वहीं देर शाम शुरू हुई सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता ने अदालत से पूछा कि उनका केस कब डिसाइड हो जाएगा। इस पर जज ने उन्हें बताया कि सभी गवाहियां पूरी हो चुकी हैं, सिर्फ उनका क्रॉस बचा हुआ था। वहीं हाईकोर्ट ने इस केस को टाइम बाउंड कर दिया है। ऐसे में क्रास एग्जामिनेशन पूरा होने के बाद दो से तीन महीने में केस फाइनल हो जाएगा।
बीते साल मई में हुई थी वीसी से गवाही
बीते साल 30 मई को पहली बार कनाडा से वीसी (वीडियो कान्फ्रेंसिंग) के जरिए सुनवाई हुई थी। इस दौरान नवनीत को 14 लोगों का एक समूह दिखाकर उनमें से आरोपियों को पहचानने को कहा गया था। उसने छह में से चार आरोपियों को एक नजर में पहचान लिया था, जबकि दो आरोपियों की शिनाख्त को लेकर वह कंफर्म नहीं था। उस दौरान नवनीत ने कहा था कि प्रॉपर्टी डील के बहाने किडनैपर्स ने उसे कुरुक्षेत्र बुलाया था। इसके बाद उसे वहां के एक गांव में बने फार्म हाउस में अपहरण करके रखा था। साथ ही उनके परिवार से फिरौती मांगने और उसकी कार में अनिल और संजीव द्वारा चंडीगढ़ सेक्टर-18 में उनकी कोठी में जाकर नौकर से 25 लाख रुपये लेकर आने की भी बात अपने बयानों में कही थी।
ये है मामला
अप्रैल 2012 में नवनीत का प्रॉपर्टी डील के बहाने अपहरण कर लिया गया था। इंस्पेक्टर अमनजोत सिंह ने टीम सहित चंद घंटों में ही सभी अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर नवनीत को छुड़ाया था। पुलिस ने सभी छह आरोपियों प्रदीप मलिक, नितिन, संजीव कुमार उर्फ सोनी, सुखदेव, अनिल कुमार व अजित सिंह को गिरफ्तार किया था। इन सभी के खिलाफ अपहरण, लूट, कैद में रखने, आर्म्स एक्ट जैसी आपराधिक धाराओं के तहत सेक्टर-19 थाना पुलिस ने केस दर्ज किया था। अपहरण के बाद नवनीत को संजीव कुमार के कुरुक्षेत्र स्थित फार्म हाउस में रखा गया था। आरोपियों ने उसके भाई को कनाडा फोन करवाया और एक करोड़ रुपये लैंड डील के तौर पर मांगे थे। भाई को शक होने पर उसने चंडीगढ़ पुलिस को फोन कर सारी बात बताई थी। इसके बाद चंडीगढ़ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नवनीत को आरोपियों के कब्जे से छुड़ाया था।
2012 में एनआरआई नवनीत सिंह के अपहरण और एक करोड़ फिरौती मामले में सोमवार को कनाडा से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई। शिकायतकर्ता का अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय की कोर्ट में क्रॉस एग्जामिनेशन हुआ। बचाव पक्ष ने उससे संबंधित घटना, आरोपियों, जगह और समय को लेकर सवाल किए। बचाव पक्ष के अनुसार, शिकायतकर्ता के पूर्व में दिए बयानों और क्रॉस में कई तथ्यों में मतभेद सामने आया है। केस की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।
बचाव पक्ष के वकील विशाल गर्ग नरवाना के अनुसार, नवनीत के क्रॉस में उसके बयानों में मतभेद सामने आए हैं। इससे पहले उसने उसे किडनैप करने की बात कही थी, लेकिन सोमवार को उसने कहा कि वह अपनी मर्जी से गया था। इसके बाद उसे वहां से किडनैप किया गया। बचाव पक्ष ने जब नवनीत से पूछा कि उसे किस वक्त किडनैप किया गया था तो उसने कोर्ट को बताया कि उसे सही समय याद नहीं है, लेकिन इतना याद है कि यह घटना आधी रात के आसपास की है। नवनीत के अनुसार, उसे कमरे में बंद किया हुआ था, लेकिन उसका दरवाजा खुला था।
शिकायतकर्ता ने क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान बताया कि घटना के बाद 16-17 अप्रैल को वह कनाडा वापस चला गया था। इसके बाद से वह भारत नहीं आया। वहीं नवनीत ने बचाव पक्ष के सवाल पर जवाब दिया कि जिस वक्त पुलिस ने उसे आरोपियों के चंगुल से छुड़ाया था, उस वक्त आरोपी संजीव पुलिस के साथ ही था।
वहीं देर शाम शुरू हुई सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता ने अदालत से पूछा कि उनका केस कब डिसाइड हो जाएगा। इस पर जज ने उन्हें बताया कि सभी गवाहियां पूरी हो चुकी हैं, सिर्फ उनका क्रॉस बचा हुआ था। वहीं हाईकोर्ट ने इस केस को टाइम बाउंड कर दिया है। ऐसे में क्रास एग्जामिनेशन पूरा होने के बाद दो से तीन महीने में केस फाइनल हो जाएगा।
बीते साल मई में हुई थी वीसी से गवाही
बीते साल 30 मई को पहली बार कनाडा से वीसी (वीडियो कान्फ्रेंसिंग) के जरिए सुनवाई हुई थी। इस दौरान नवनीत को 14 लोगों का एक समूह दिखाकर उनमें से आरोपियों को पहचानने को कहा गया था। उसने छह में से चार आरोपियों को एक नजर में पहचान लिया था, जबकि दो आरोपियों की शिनाख्त को लेकर वह कंफर्म नहीं था। उस दौरान नवनीत ने कहा था कि प्रॉपर्टी डील के बहाने किडनैपर्स ने उसे कुरुक्षेत्र बुलाया था। इसके बाद उसे वहां के एक गांव में बने फार्म हाउस में अपहरण करके रखा था। साथ ही उनके परिवार से फिरौती मांगने और उसकी कार में अनिल और संजीव द्वारा चंडीगढ़ सेक्टर-18 में उनकी कोठी में जाकर नौकर से 25 लाख रुपये लेकर आने की भी बात अपने बयानों में कही थी।
ये है मामला
अप्रैल 2012 में नवनीत का प्रॉपर्टी डील के बहाने अपहरण कर लिया गया था। इंस्पेक्टर अमनजोत सिंह ने टीम सहित चंद घंटों में ही सभी अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर नवनीत को छुड़ाया था। पुलिस ने सभी छह आरोपियों प्रदीप मलिक, नितिन, संजीव कुमार उर्फ सोनी, सुखदेव, अनिल कुमार व अजित सिंह को गिरफ्तार किया था। इन सभी के खिलाफ अपहरण, लूट, कैद में रखने, आर्म्स एक्ट जैसी आपराधिक धाराओं के तहत सेक्टर-19 थाना पुलिस ने केस दर्ज किया था। अपहरण के बाद नवनीत को संजीव कुमार के कुरुक्षेत्र स्थित फार्म हाउस में रखा गया था। आरोपियों ने उसके भाई को कनाडा फोन करवाया और एक करोड़ रुपये लैंड डील के तौर पर मांगे थे। भाई को शक होने पर उसने चंडीगढ़ पुलिस को फोन कर सारी बात बताई थी। इसके बाद चंडीगढ़ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नवनीत को आरोपियों के कब्जे से छुड़ाया था।