चंडीगढ़। 14 वर्ष पुराने चर्चित जज नोटकांड रिश्वत मामले में आरोपी पूर्व जस्टिस निर्मल यादव ने सीबीआई की विशेष कोर्ट में शुक्रवार को अपने बयान दर्ज करवा दिए। हालांकि वह कोर्ट में पेश नहीं हुईं। उनकी तरफ से एडवोकेट विशाल गर्ग नरवाणा ने बयान की कॉपी दाखिल की। अपने बयान में सेवानिवृत्त जस्टिस निर्मल यादव ने सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी रिश्वत की मांग नहीं की और न ही रिश्वत ली। उनका इस केस से कोई ताल्लुक नहीं है।
पूर्व जस्टिस निर्मल यादव के अलावा अब तक इस मामले में अन्य आरोपी निर्मल सिंह, राजीव गुप्ता और रविंद्र भसीन के बयान हो चुके हैं। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में इस केस को दिसंबर तक खत्म करने के लिए कहा है। केस के मुताबिक वर्ष 2008 में चंडीगढ़ पुलिस ने 15 लाख रुपये की रिश्वत के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की जस्टिस निर्मल यादव व अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। बाद में ये मामला सीबीआई के पास ट्रांसफर हो गया था।
आरोप के मुताबिक 13 अगस्त 2008 की रात हरियाणा के तत्कालीन एडिशनल एडवोकेट जनरल संजीव बंसल ने अपने मुंशी को जस्टिस निर्मल यादव के घर 15 लाख रुपये देने के लिए भेजा था। मुंशी ने गलती से यह राशि जस्टिस निर्मलजीत कौर के घर पहुंचा दी। इस पर निर्मलजीत कौर के नौकर ने पुलिस में शिकायत कर दी थी जिसके बाद जस्टिस निर्मल यादव समेत अन्य आरोपियों पर केस दर्ज किया गया था। केस में आरोपी संजीव बंसल की मौत हो चुकी है और बाकी आरोपियों पर केस चल रहा है।