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तरनतारन बम धमाका: NIA को बड़ी सफलता, मास्टरमाइंड बिक्रमजीत सिंह गिरफ्तार, ऑस्ट्रिया से हुआ प्रत्यर्पण
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Thu, 08 Dec 2022 08:43 PM IST
सार
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दोनों बमों का इस्तेमाल 2016 में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की हत्या में किया जाना था। मगर भारी सुरक्षा के कारण आतंकी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके थे। आरोपी बादल परिवार को बेअदबी का जिम्मेदार मानते थे। यही वजह थी कि हत्या की साजिश रची थी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने तरनतारन बम ब्लास्ट के मास्टरमाइंड और वांछित आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जानकारी दी है कि बिक्रमजीत सिंह को प्रत्यर्पण के बाद लिंज (ऑस्ट्रिया) के सक्षम प्राधिकारी ने इंटरपोल अधिकारियों के साथ समन्वय के बाद गिरफ्तार किया है।
बम धमाके में गई थी दो की जान
सितंबर 2019 में पंजाब के तरनतारन में बम धमाका हुआ था। एनआईए इस मामले में नौ आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। इन आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल है। तरनतारन जिले के थाना सदर बाजार में इस बाबत पहले रिपोर्ट दर्ज की गई थी लेकिन बाद में एनआईए ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।
गिरफ्तार आरोपी मलकीत सिंह शेरा ने खुलासा किया था कि बम धमाके का मास्टरमाइंड बिक्रम सिंह पंजवड़ उर्फ बिक्कर है। उससे उसकी दोस्ती 2014 में हुई थी। बिक्रम आईईडी विस्फोटक बनाने में विशेषज्ञ है और उसने विस्फोटक सामग्री तैयार कर ली थी। जुलाई 2018 में बिक्रम अर्मेनिया के रास्ते ऑस्ट्रिया भाग गया था।
बिक्रम को विस्फोट तैयार करने की ट्रेनिंग आतंकी गुरजंट से मिली थी। बिक्रम ने विदेश से ही गुरजंट और उसे आदेश दिया था कि जमीन में दबे बमों को निकालकर उनका इस्तेमाल कुछ वीआईपी को मारने में करो। पांच सितंबर 2019 को जब विस्फोट हुआ तब गुरजंट और उसके दो सहयोगी हरप्रीत सिंह और विक्रमजीत बम को निकालने की कोशिश कर रहे थे। विस्फोट में हरप्रीत सिंह और विक्रमजीत मारे गए थे और गुरजंट घायल हो गया था।
सुखबीर बादल को था मारना
इन दोनों बमों का इस्तेमाल 2016 में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की हत्या में किया जाना था। मगर भारी सुरक्षा के कारण आतंकी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके थे। आरोपी बादल परिवार को बेअदबी का जिम्मेदार मानते थे। यही वजह थी कि हत्या की साजिश रची थी।
सुखबीर बादल नवंबर 2016 में श्री गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व पर श्री दरबार साहिब जाने वाले थे और तभी उन पर हमले की योजना बनाई गई थी। योजना के मुताबिक श्री दरबार साहिब के मुख्य प्रवेश द्वार पर सुखबीर के पहुंचते ही पहले बिक्रम को बम फेंकेगा था और बाद में शेरा को। मगर सुखबीर बादल भारी सुरक्षा के साथ वहां पहुंचे तो बिक्रम घबरा गया और बम नहीं फेंक सका। बाद में उन्होंने दोनों बमों को एक स्टील के डिब्बे में भरकर जमीन में दफना दिया था।
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NIA arrested the wanted terror-accused, mastermind of the Tarntaran bomb blast. Bikramjit Singh was arrested after his extradition by the competent authority of Linz, Austria in coordination with Interpol authorities: National Investigation Agency (NIA)
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