अपने प्रमुख खिलाड़ियों की चोट से जूझ रही टीम इंडिया ने ब्रिस्बेन टेस्ट में दो खिलाड़ियों को डेब्यू करवाया। पहले टी. नटराजन तो दूसरे वाशिंगटन सुंदर। ऑस्ट्रेलिया में बतौर नेट गेंदबाज आए तेज गेंदबाज थंगारासु नटराजन शुक्रवार को एक ही दौरे पर तीनों प्रारूपों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर बन गए।
तमिलनाडु के इस 29 वर्षीय क्रिकेटर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे और आखिरी टेस्ट में प्रमुख खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण अंतिम एकादश में जगह मिल, उन्होंने दो दिसंबर को कैनबरा में दूसरे एक दिवसीय मैच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। भारत ने वह मैच 13 रन से जीता था। नटराजन ने 10 ओवर में 70 रन देकर दो विकेट लिए थे।
तीन मैचों की टी-20 सीरीज में भी नट्टू भारतीय टीम का हिस्सा थे, जिसमें उन्होंने छह विकेट लिए थे। भारत ने वह श्रृंखला 2-1 से जीती। वैसे तो इस मुकाम तो पहुंचने के लिए नटराजन की लंबी तपस्या है, लेकिन आईपीएल में दमदार खेल के बाद ही उनकी किस्मत पलटी। 19 सितंबर से यूएई में शुरू हुए उस टूर्नामेंट के बाद ही उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टी-20 टीम में चुना गया था। आईसीसी ने ट्वीट किया, 'टेस्ट क्रिकेट में स्वागत है। थंगारासु नटराजन एक ही दौरे पर तीनों प्रारूपों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले पहले भारतीय बने।’
महज 44 दिन के भीतर नटराजन ने क्रिकेट का तीनों फॉर्मेट खेल लिया। सबसे कम 12 दिन के भीतर न्यूजीलैंड के पीटर इनग्राम को यह मौका मिला था। सिडनी टेस्ट के नायक रविचंद्रन अश्विन और हनुमा विहारी चोट के कारण बाहर हैं जबकि तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और हरफनमौला रविंद्र जडेजा भी चोटों के कारण यह टेस्ट नहीं खेल सके।