पाकिस्तान के टेस्ट कप्तान मिस्बाह-उल-हक ने इंग्लैंड में खेली जा रही सीरीज के पहले टेस्ट के शुरुआती दिन ही खूब सुर्खियां बटोर लीं। 3 मैचों की सीरीज का पहला मैच ऐतिहासिक लॉर्ड्स में खेला जा रहा है।
लॉर्ड्स में खेलने उतरे मिस्बाह पहली बार इंग्लैंड में टेस्ट मैच खेल रहे हैं और उन्होंने अपने पहली ही पारी में शानदार शतक ठोंक दिया और वह भी 42 साल की उम्र में।
42 साल 47 दिन की उम्र में शतक ठोंकने का कारनामा करने वाले मिस्बाह यह उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के सबसे बुजुर्ग कप्तान बन गए हैं। साथ ही 21वीं सदी के सबसे बुढ़े टेस्ट क्रिकेटर हो गए हैं जिनके बल्ले से कोई शतक निकला। 40 से पहले उन्होंने 5 शतक लगाए तो 40 के बाद 2 साल और 47 दिन के अंदर 5 शतक ठोंक दिया।
उनका शतक तो शानदार रहा लेकिन शतक के बाद जिस अंदाज में जश्न मनाया वो उससे भी ज्यादा शानदार था। इस अंदाज की चर्चा हर ओर रही। खेल खत्म होने के बाद मिस्बाह ने इस अंदाज का राज भी खोला।
पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद हर किसी के मन में सवाल था कि आखिर मिस्बाह जैसे बुजुर्ग खिलाड़ी ने इस अंदाज में शतक का जश्न क्यों मनाया। उन्होंने कहा, "मैंने ट्रेनिंग कैंप के दौरान सेना से जुड़े लोगों के साथ वादा किया था कि अगर मैं शतक लगाता हूं तो 10 बार पुश-अप्स करूंगा।"
यही कारण है शतक के बाद उन्होंने बल्ला नीचे फेंक दिया और फिर जमीन पर पुश-अप्स करने लग गए। हालांकि उन्होंने क्रिकेट का 'मक्का' कहे जाने वाले लॉर्ड्स में शतकीय पारी को अपनी पत्नी को समर्पित किया। उन्होंने कहा, "मैं यह शतक अपनी पत्नी को समर्पित करता हूं। वह हमेशा उस समय कुछ नहीं खाती है जिस समय मैं मैच खेल रहा होता हूं।"
पाकिस्तान के टेस्ट कप्तान मिस्बाह-उल-हक ने इंग्लैंड में खेली जा रही सीरीज के पहले टेस्ट के शुरुआती दिन ही खूब सुर्खियां बटोर लीं। 3 मैचों की सीरीज का पहला मैच ऐतिहासिक लॉर्ड्स में खेला जा रहा है।
लॉर्ड्स में खेलने उतरे मिस्बाह पहली बार इंग्लैंड में टेस्ट मैच खेल रहे हैं और उन्होंने अपने पहली ही पारी में शानदार शतक ठोंक दिया और वह भी 42 साल की उम्र में।
42 साल 47 दिन की उम्र में शतक ठोंकने का कारनामा करने वाले मिस्बाह यह उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के सबसे बुजुर्ग कप्तान बन गए हैं। साथ ही 21वीं सदी के सबसे बुढ़े टेस्ट क्रिकेटर हो गए हैं जिनके बल्ले से कोई शतक निकला। 40 से पहले उन्होंने 5 शतक लगाए तो 40 के बाद 2 साल और 47 दिन के अंदर 5 शतक ठोंक दिया।
उनका शतक तो शानदार रहा लेकिन शतक के बाद जिस अंदाज में जश्न मनाया वो उससे भी ज्यादा शानदार था। इस अंदाज की चर्चा हर ओर रही। खेल खत्म होने के बाद मिस्बाह ने इस अंदाज का राज भी खोला।