न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, चमोली
Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal
Updated Fri, 31 Jul 2020 02:37 PM IST
अब पर्यटक चमोली जिले में मौजूद विश्व धरोहर फूलों की घाटी का दीदार कर सकेंगे। इसके लिए कोविड नियमों के तहत उन्हें 72 घंटे पहले की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी।
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के उप वन संरक्षक नंदा बल्लभ शर्मा ने कहा कि फूलों की घाटी एक जून को खोल दी गई है। लेकिन कोरोना के चलते पर्यटकों की आवाजाही बंद थी। अब घाटी को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। जो भी पर्यटक यहां आएगा उसके पास 72 घंटे की निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट होनी जरूरी है।
हिमाच्छादित पर्वतों के बीच स्थित फूलों की घाटी में विभिन्न प्रजाति के लगभग 300 फूल खिले हुए हैं, जो दूर-दूर तक अपनी महक बिखेर रहे हैं। गोविंदघाट से 16 किमी की पैदल दूूरी तय कर पर्यटक फूलों की घाटी में पहुंचते हैं।
फूलों की घाटी भ्रमण के लिए जुलाई, अगस्त व सितंबर के महीनों को सर्वोत्तम माना जाता है। सितंबर में यहां ब्रह्मकमल खिलते हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। फूलों की घाटी के वन क्षेत्राधिकारी वृजमोहन भारती ने बताया कि घाटी में फूलों की लगभग 500 प्रजातियां खिलती हैं। मौजूदा समय में यहां करीब 300 फूलों की प्रजाति खिली हुई हैं।
अब पर्यटक चमोली जिले में मौजूद विश्व धरोहर फूलों की घाटी का दीदार कर सकेंगे। इसके लिए कोविड नियमों के तहत उन्हें 72 घंटे पहले की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी।
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के उप वन संरक्षक नंदा बल्लभ शर्मा ने कहा कि फूलों की घाटी एक जून को खोल दी गई है। लेकिन कोरोना के चलते पर्यटकों की आवाजाही बंद थी। अब घाटी को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। जो भी पर्यटक यहां आएगा उसके पास 72 घंटे की निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट होनी जरूरी है।
हिमाच्छादित पर्वतों के बीच स्थित फूलों की घाटी में विभिन्न प्रजाति के लगभग 300 फूल खिले हुए हैं, जो दूर-दूर तक अपनी महक बिखेर रहे हैं। गोविंदघाट से 16 किमी की पैदल दूूरी तय कर पर्यटक फूलों की घाटी में पहुंचते हैं।
फूलों की घाटी भ्रमण के लिए जुलाई, अगस्त व सितंबर के महीनों को सर्वोत्तम माना जाता है। सितंबर में यहां ब्रह्मकमल खिलते हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। फूलों की घाटी के वन क्षेत्राधिकारी वृजमोहन भारती ने बताया कि घाटी में फूलों की लगभग 500 प्रजातियां खिलती हैं। मौजूदा समय में यहां करीब 300 फूलों की प्रजाति खिली हुई हैं।