न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal
Updated Mon, 17 Jan 2022 12:07 PM IST
प्रदेश की सियासत में उठापटक के प्रतीक माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत एक बार फिर दिल्ली पहुंचे हैं। भारी ठंड के बीच सूबे की सियासत का पारा एक बार फिर गरम हो गया है। उनके भविष्य के कदम को लेकर कयासबाजी का दौर भी तेज हो गया है। हालांकि दिल्ली जाते वक्त मीडिया से बातचीत में उन्होंने केवल यही कहा कि जिस तरह हरीश भाई ने अपने पत्ते खोलने की बात कही है, वैसे ही अभी मेरे पत्ते भी खुलने बाकी हैं।
एक और विधायक के इस्तीफे की चर्चा
वहीं सोमवार को भाजपा के एक और विधायक के इस्तीफे की चर्चा है। राजनीतिक गलियारों में देहरादून की रायपुर विधानसभा सीट पर विधायक उमेश शर्मा काऊ के इस्तीफे की चर्चा है। ऐसा माना जा रहा है कि वह भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। वहीं उमेश शर्मा काऊ ने इस्तीफे की खबरों का खंडन किया है। उन्होंने कहा है कि मरते दम तक भाजपा में रहूंगा। पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे निभाऊंगा।
तीन दिन में दूसरी बार दिल्ली में हरक
पिछले तीन दिन में हरक सिंह रावत दूसरी बार दिल्ली गए हैं। उनके अचानक दोबारा दिल्ली रवाना होने की खबर पाते ही एक बार फिर सियासी हलचल शुरू हो गई है। वहीं सूत्रों से यह भी खबर है कि हरक सिंह रावत अपनी पुत्रवधू अनुकृति के साथ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
Harak Singh Rawat: प्रधानमंत्री मोदी का ‘आपदा प्रबंधन’ भी नहीं आया काम, थपथपाई थी हरक की पीठ
दरअसल, अभी भाजपा के प्रत्याशियों की सूची का इंतजार चल रहा है, ऐसे में हरक की हरकत को लेकर सभी राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं चल रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, हरक अपने साथ ही अपनी पुत्रवधू अनुकृति के लिए भी टिकट का दबाव बना रहे हैं। वह शनिवार को हुई भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे। उनकी इन गतिविधियों को नाराजगी से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
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दिल्ली रवाना होते वक्त हरक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह व्यक्गित कार्यों के साथ ही पार्टी नेताओं से मुलाकात के लिए दिल्ली जा रहे हैं। चुनाव को लेकर पार्टी जो भी निर्णय करेगी, वह उन्हें स्वीकार होगा। हालांकि उन्होंने सोशल मीडिया में चल रहे एक बयान में यह भी कहा है कि अभी उन्हें भी हरीश भाई की तरह अपने पत्ते खोलने हैं।
सीएम ने हरक को हटाया, राज्यपाल की मुहर
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से तत्काल हटाए जाने को लेकर भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही मंत्रिपरिषद ने इसका आदेश भी देर रात जारी कर दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल से हरक को तत्काल पद से हटाए जाने का प्रस्ताव किया था। हरक सिंह के पास वन पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, श्रम, कौशल विकास एवं सेवायोजन, आयुष व आयुष शिक्षा तथा ऊर्जा विभाग थे। अब इन सभी विभाग को अतिरिक्त प्रभार मुख्यमंत्री संभालेंगे।
विस्तार
प्रदेश की सियासत में उठापटक के प्रतीक माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत एक बार फिर दिल्ली पहुंचे हैं। भारी ठंड के बीच सूबे की सियासत का पारा एक बार फिर गरम हो गया है। उनके भविष्य के कदम को लेकर कयासबाजी का दौर भी तेज हो गया है। हालांकि दिल्ली जाते वक्त मीडिया से बातचीत में उन्होंने केवल यही कहा कि जिस तरह हरीश भाई ने अपने पत्ते खोलने की बात कही है, वैसे ही अभी मेरे पत्ते भी खुलने बाकी हैं।
एक और विधायक के इस्तीफे की चर्चा
वहीं सोमवार को भाजपा के एक और विधायक के इस्तीफे की चर्चा है। राजनीतिक गलियारों में देहरादून की रायपुर विधानसभा सीट पर विधायक उमेश शर्मा काऊ के इस्तीफे की चर्चा है। ऐसा माना जा रहा है कि वह भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। वहीं उमेश शर्मा काऊ ने इस्तीफे की खबरों का खंडन किया है। उन्होंने कहा है कि मरते दम तक भाजपा में रहूंगा। पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे निभाऊंगा।
तीन दिन में दूसरी बार दिल्ली में हरक
पिछले तीन दिन में हरक सिंह रावत दूसरी बार दिल्ली गए हैं। उनके अचानक दोबारा दिल्ली रवाना होने की खबर पाते ही एक बार फिर सियासी हलचल शुरू हो गई है। वहीं सूत्रों से यह भी खबर है कि हरक सिंह रावत अपनी पुत्रवधू अनुकृति के साथ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
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दरअसल, अभी भाजपा के प्रत्याशियों की सूची का इंतजार चल रहा है, ऐसे में हरक की हरकत को लेकर सभी राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं चल रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, हरक अपने साथ ही अपनी पुत्रवधू अनुकृति के लिए भी टिकट का दबाव बना रहे हैं। वह शनिवार को हुई भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे। उनकी इन गतिविधियों को नाराजगी से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
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