हाड़ कंपा देने वाली कड़ाके की ठंड गुरुवार से पड़ने वाली है। सौर मास गणना के अनुसार ठंड का यह दौर हेमंत और शिशिर के मिलन तक जारी रहेगा। सूर्य को धनु राशि में गए 15 दिन हो जाने पर पौष मास में प्रारंभ होने वाला यह चिल्ला 8 फरवरी तक लगा रहेगा। चिल्ले के इन 40 दिनों में गुड़, तिल और अग्नि से जुड़े अनेक पर्व पड़ रहे हैं।
सूर्य के 15 और मकर राशि में 25 दिन मिलाकर बनता है चिल्ला
भारतीय चिल्ले का प्रचलन उत्तर भारत के तमाम राज्यों में है। विशेषकर कृषक समाज की दैनंदिनी तो चिल्ले के हिसाब से काफी बदल जाती है। सूर्य प्रत्येक मास एक नई राशि में प्रवेश करते हैं। धनु राशि में सूर्य के 15 और मकर राशि में 25 दिन मिलाकर 40 दिनों का चिल्ला बनता है।
धनु राशि में सूर्य के 15 दिन 14 जनवरी को पूरे होंगे। उस दिन भगवान सूर्यनारायण मकर राशि में प्रविष्ठ होकर उत्तरायण हो जाएंगे। उसी दिन से सूर्य का ताप तिलतिल बढ़ने लगेगा। चिल्ले के समापन के बाद भी यद्यपि ठंड बनी रहेगी, अलबत्ता कोहरा, ढूंढ और शीतलहर समाप्त हो जाएंगे।
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चमोली जनपद में बारिश और बर्फबारी से शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दूसरे दिन भी बर्फबारी हुई। ऐसे में जिले में करीब 21 गांव बर्फ के आगोश में आ गए हैं। गांवों के पैदल मार्ग पर बर्फ जमने से ग्रामीणों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बर्फबारी से जोशीमठ-औली और गोपेश्वर-चोपता मार्ग बुधवार को दोपहर तक बाधित रहा। बदरीनाथ हाईवे पर हनुमान चट्टी से आगे हाईवे पर बिछी बर्फ में पाला जमने से सेना और आईटीबीपी के वाहन फिसल रहे हैं।
चमोली जिले के ऊंचाई वाले स्थानों पर मंगलवार को दोपहर बाद हुई बर्फबारी बुधवार सुबह तक जारी रही। हालांकि इसके बाद धूप खिली तो लोगों को कड़ाके की ठंड से कुछ राहत मिली, लेकिन दोपहर बाद फिर मौसम खराब हो गया और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई। बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, रुद्रनाथ, लाल माटी, नंदा घुंघटी के साथ ही नीती और माणा घाटी में बर्फबारी हुई है। जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्थित गांव पाणा, ईराणी, झींझी, रामणी, डुमक, कलगोठ, सुरांईथोटा, जेलम, तोलमा, भलगांव, परसारी, बड़गांव, मेरग, सुभांई-भविष्यबदरी, पल्ला किमाणा, जखोला, वाण, सुतोल, कनोल और घूनी गांव बर्फ से ढक गए हैं।
आवाजाही के पैदल रास्तों में बर्फ जम जाने के कारण ग्रामीणों को आवाजाही में दिक्कतें हो रही हैं। ईराणी गांव के ग्राम प्रधान मोहन सिंह नेगी ने बताया कि बर्फबारी के बाद पाला जमने से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इधर, जिला पूर्ति अधिकारी शशिकला फरस्वाण ने बताया कि घाट, थराली, दशोली और जोशीमठ के गांवों में जनवरी माह तक का एडवांस राशन भेज दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्यान्न की कोई दिक्कत नहीं है।
बदरीनाथ धाम में कड़ाके की ठंड पड़ने से मास्टर प्लान के तहत चल रहे कार्य प्रभावित हो गए हैं। यहां भवनों का चिह्नीकरण कार्य पूर्ण होने के बाद अब आस्था पथ, शेषनेत्र झील का सौंदर्यीकरण व अन्य निर्माण कार्य होने थे, लेकिन कड़ाके की ठंड पड़ने से धाम में रह रहे मजदूर भी निचले क्षेत्रों में आ गए हैं। जबकि बदरीनाथ हाईवे पर हनुमान चट्टी तक ही ऑलवेदर रोड परियोजना कार्य इन दिनों चल रहा है। बदरीनाथ धाम में शेषनेत्र झील भी से जम गई है।
औली में आधा फीट बर्फ, पहुंचे पर्यटक
मंगलवार रात को चमोली जिले में जमकर बर्फबारी हुई है। औली में बर्फबारी से चारों तरफ सफेद चादर बिछ गई है। यहां पर आधा फीट बर्फ जमी हुई है। ऐसे में नए साल की पूर्व संध्या पर होने वाले जश्न से पहले औली में बर्फबारी से पर्यटक व्यवसायियों में खुशी की लहर है। उन्हें उम्मीद है कि अच्छी बर्फबारी के बाद यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचेंगे। वहीं औली में इन दिनों बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं और बर्फ का आनंद ले रहे हैं।
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हाड़ कंपा देने वाली कड़ाके की ठंड गुरुवार से पड़ने वाली है। सौर मास गणना के अनुसार ठंड का यह दौर हेमंत और शिशिर के मिलन तक जारी रहेगा। सूर्य को धनु राशि में गए 15 दिन हो जाने पर पौष मास में प्रारंभ होने वाला यह चिल्ला 8 फरवरी तक लगा रहेगा। चिल्ले के इन 40 दिनों में गुड़, तिल और अग्नि से जुड़े अनेक पर्व पड़ रहे हैं।
सूर्य के 15 और मकर राशि में 25 दिन मिलाकर बनता है चिल्ला
भारतीय चिल्ले का प्रचलन उत्तर भारत के तमाम राज्यों में है। विशेषकर कृषक समाज की दैनंदिनी तो चिल्ले के हिसाब से काफी बदल जाती है। सूर्य प्रत्येक मास एक नई राशि में प्रवेश करते हैं। धनु राशि में सूर्य के 15 और मकर राशि में 25 दिन मिलाकर 40 दिनों का चिल्ला बनता है।
धनु राशि में सूर्य के 15 दिन 14 जनवरी को पूरे होंगे। उस दिन भगवान सूर्यनारायण मकर राशि में प्रविष्ठ होकर उत्तरायण हो जाएंगे। उसी दिन से सूर्य का ताप तिलतिल बढ़ने लगेगा। चिल्ले के समापन के बाद भी यद्यपि ठंड बनी रहेगी, अलबत्ता कोहरा, ढूंढ और शीतलहर समाप्त हो जाएंगे।
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