स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की नोएडा यूनिट ने एनसीआर में गांजा तस्करी के बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। टीम ने तेलंगाना से मध्य प्रदेश के रास्ते एनसीआर आ रहे दो तस्करों को आगरा-कोटा रोड स्थित तहसील चौराहे से 1727 किग्रा गांजे के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान गाजियाबाद के सुहाना गांव निवासी शुभम त्यागी और बेगमाबाद निवासी लोकेश के रुप में हुई है। बरामद गांजे की कीमत 4.5 करोड़ रुपये बताई गई है। एसटीएफ अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है।
एएसपी एसटीएफ राजकुमार मिश्रा ने बताया कि सूचना मिली थी कि तेलंगाना से कैंटर में भारी मात्रा में गांजा दिल्ली-एनसीआर लाया जा रहा है। यह भी सूचना थी कि मध्य प्रदेश में कैंटर के चालक व हेल्पर एक होटल में रुकेंगे। सूचना पर मध्य प्रदेश के सुसनेर थाना पुलिस की मदद से वहीं के तहसील चौराहे पर दोनों तस्कर को गिरफ्तार कर लिया गया।
एसटीएफ को पूछताछ में पता चला है कि आरोपी तेलंगाना से गांजा लेकर आंध्र प्रदेश बॉर्डर से नागपुर, खगौन और बुढ़ानपुर से होते हुए गाजियाबाद और दिल्ली-एनसीआर में आते थे। तस्करी वाले कैंटर में बड़ी केबिन बना दी जाती थी, ताकि पुलिस को गांजे की भनक नहीं लगे। कैंटर के अन्य हिस्से में सीमेंट की बोरी रख दी जाती थीं। आरोपियों ने पूरे एनसीआर में अपना जाल फैला रखा है। गिरोह से बड़ी संख्या में आरोपी जुड़े हुए हैं, जो युवाओं को नशे का आदी बना रहे हैं। आरोपी दिल्ली एनसीआर के शिक्षण संस्थान, पीजी हॉस्टल के छात्रों तक भी गांजा पहुंचाते हैं।
हर जिले में 5 से 10 गुर्गे, बुलंदशहर बना केंद्र
गांजा बेचने के लिए गिरोह के हर जिले में 5 से 10 गुर्गे हैं जो सड़क पर घूम-घूमकर गांजा बेचते हैं। 5 ग्राम के पुड़िया की कीमत 60 से 80 रुपये है। गांजा तस्करी का नेटवर्क बुलंदशहर और आंध्र प्रदेश में बैठकर संचालित किया जा रहा है। रैकेट का सरगना सुनित चौधरी उर्फ मामा बुलंदशहर के गुलावठी का रहने वाला है। वहीं, गाजियाबाद निवासी इरफान उर्फ नेता आंध्र प्रदेश में रह रहा है। इरफान वहां से कैंटर लोड करवाकर भेजता है। गिरफ्तार आरोपी लोकेश रिश्ते में सुनित चौधरी का जीजा है। सुनित गांजा सप्लाई की सूची तैयार करता है। वहीं, लोकेश ट्रासंपोर्ट का काम देखता था। दो दिन पहले बीटा-2 थाना पुलिस ने भी 3 करोड़ से अधिक का मादक पदार्थ बरामद कर 6 तस्करों को बुलंदशहर के अनूपशहर से गिरफ्तार किया था।
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की नोएडा यूनिट ने एनसीआर में गांजा तस्करी के बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। टीम ने तेलंगाना से मध्य प्रदेश के रास्ते एनसीआर आ रहे दो तस्करों को आगरा-कोटा रोड स्थित तहसील चौराहे से 1727 किग्रा गांजे के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान गाजियाबाद के सुहाना गांव निवासी शुभम त्यागी और बेगमाबाद निवासी लोकेश के रुप में हुई है। बरामद गांजे की कीमत 4.5 करोड़ रुपये बताई गई है। एसटीएफ अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है।
एएसपी एसटीएफ राजकुमार मिश्रा ने बताया कि सूचना मिली थी कि तेलंगाना से कैंटर में भारी मात्रा में गांजा दिल्ली-एनसीआर लाया जा रहा है। यह भी सूचना थी कि मध्य प्रदेश में कैंटर के चालक व हेल्पर एक होटल में रुकेंगे। सूचना पर मध्य प्रदेश के सुसनेर थाना पुलिस की मदद से वहीं के तहसील चौराहे पर दोनों तस्कर को गिरफ्तार कर लिया गया।
एसटीएफ को पूछताछ में पता चला है कि आरोपी तेलंगाना से गांजा लेकर आंध्र प्रदेश बॉर्डर से नागपुर, खगौन और बुढ़ानपुर से होते हुए गाजियाबाद और दिल्ली-एनसीआर में आते थे। तस्करी वाले कैंटर में बड़ी केबिन बना दी जाती थी, ताकि पुलिस को गांजे की भनक नहीं लगे। कैंटर के अन्य हिस्से में सीमेंट की बोरी रख दी जाती थीं। आरोपियों ने पूरे एनसीआर में अपना जाल फैला रखा है। गिरोह से बड़ी संख्या में आरोपी जुड़े हुए हैं, जो युवाओं को नशे का आदी बना रहे हैं। आरोपी दिल्ली एनसीआर के शिक्षण संस्थान, पीजी हॉस्टल के छात्रों तक भी गांजा पहुंचाते हैं।
हर जिले में 5 से 10 गुर्गे, बुलंदशहर बना केंद्र
गांजा बेचने के लिए गिरोह के हर जिले में 5 से 10 गुर्गे हैं जो सड़क पर घूम-घूमकर गांजा बेचते हैं। 5 ग्राम के पुड़िया की कीमत 60 से 80 रुपये है। गांजा तस्करी का नेटवर्क बुलंदशहर और आंध्र प्रदेश में बैठकर संचालित किया जा रहा है। रैकेट का सरगना सुनित चौधरी उर्फ मामा बुलंदशहर के गुलावठी का रहने वाला है। वहीं, गाजियाबाद निवासी इरफान उर्फ नेता आंध्र प्रदेश में रह रहा है। इरफान वहां से कैंटर लोड करवाकर भेजता है। गिरफ्तार आरोपी लोकेश रिश्ते में सुनित चौधरी का जीजा है। सुनित गांजा सप्लाई की सूची तैयार करता है। वहीं, लोकेश ट्रासंपोर्ट का काम देखता था। दो दिन पहले बीटा-2 थाना पुलिस ने भी 3 करोड़ से अधिक का मादक पदार्थ बरामद कर 6 तस्करों को बुलंदशहर के अनूपशहर से गिरफ्तार किया था।