मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बुधवार को ग्रेनो प्राधिकरण में कार्यभार संभालते ही क्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ तेजी से अभियान चलाने की बात कही थी। इसी के मद्देनजर अधिकारियों ने निर्देश का पालन करते हुए शुक्रवार सुबह करीब सात बजे ही खोदना कलां में अतिक्रमण पर बुलडोजर चला दिया। किसानों के विरोध के बीच प्राधिकरण ने 65 हजार वर्गमीटर जमीन को मुक्त करा लिया। जमीन की कीमत करीब 150 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह जमीन उद्योग और अन्य गतिविधियों के लिए छोड़ी गई थी, लेकिन यहां अवैध रूप से कॉलोनी बसाई जा रही थी।
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि खोदना कलां गांव अधिसूचित क्षेत्र है। यहां कुछ किसानों ने अवैध कॉलोनी काट दी थी, जबकि कुछ किसान निर्माण करा रहे थे। किसानों को प्राधिकरण ने कई बार नोटिस जारी किए थे कि जमीन उद्योगों के लिए आरक्षित की जा चुकी है और यहां से बाइपास निकाला जाना है, लेकिन वे लगातार कॉलोनी काटते रहे। अधिकारी 15 दिन पहले भी अतिक्रमण हटाने गए थे, लेकिन फोर्स कम होने से लौटना पड़ा था। अब शुक्रवार सुबह ही कई थानों की पुलिस व 6 बुलडोजर के साथ अधिकारी खोदना कलां गांव पहुंच गए।
करीब तीन घंटे चली कार्रवाई के बाद जमीन को कब्जा मुक्त करा लिया गया। साथ ही, चेतावनी दी गई कि यदि दोबारा कब्जे का प्रयास किया गया तो रिपोर्ट दर्ज करके गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की जाएगी। अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपचंद्रा, महाप्रबंधक एके अरोड़ा व उप महाप्रबंधक केआर वर्मा, वर्क सर्किल दो के परियोजना अभियंता श्यौदान सिंह के नेतृत्व में यह अभियान चलाया गया।
सीईओ सुरेंद्र सिंह ने बताया कि प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में कॉलोनी काटना या कोई निर्माण करना पूरी तरह अवैध है। प्राधिकरण ने इसके खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। जब तक अतिक्रमण को ध्वस्त नहीं करेंगे, यह अभियान जारी रहेगा। अवैध निर्माण को संरक्षण देने वाले अधिकारियों को भी भूमाफिया घोषित किया जाएगा।
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मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बुधवार को ग्रेनो प्राधिकरण में कार्यभार संभालते ही क्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ तेजी से अभियान चलाने की बात कही थी। इसी के मद्देनजर अधिकारियों ने निर्देश का पालन करते हुए शुक्रवार सुबह करीब सात बजे ही खोदना कलां में अतिक्रमण पर बुलडोजर चला दिया। किसानों के विरोध के बीच प्राधिकरण ने 65 हजार वर्गमीटर जमीन को मुक्त करा लिया। जमीन की कीमत करीब 150 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह जमीन उद्योग और अन्य गतिविधियों के लिए छोड़ी गई थी, लेकिन यहां अवैध रूप से कॉलोनी बसाई जा रही थी।
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि खोदना कलां गांव अधिसूचित क्षेत्र है। यहां कुछ किसानों ने अवैध कॉलोनी काट दी थी, जबकि कुछ किसान निर्माण करा रहे थे। किसानों को प्राधिकरण ने कई बार नोटिस जारी किए थे कि जमीन उद्योगों के लिए आरक्षित की जा चुकी है और यहां से बाइपास निकाला जाना है, लेकिन वे लगातार कॉलोनी काटते रहे। अधिकारी 15 दिन पहले भी अतिक्रमण हटाने गए थे, लेकिन फोर्स कम होने से लौटना पड़ा था। अब शुक्रवार सुबह ही कई थानों की पुलिस व 6 बुलडोजर के साथ अधिकारी खोदना कलां गांव पहुंच गए।
करीब तीन घंटे चली कार्रवाई के बाद जमीन को कब्जा मुक्त करा लिया गया। साथ ही, चेतावनी दी गई कि यदि दोबारा कब्जे का प्रयास किया गया तो रिपोर्ट दर्ज करके गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की जाएगी। अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपचंद्रा, महाप्रबंधक एके अरोड़ा व उप महाप्रबंधक केआर वर्मा, वर्क सर्किल दो के परियोजना अभियंता श्यौदान सिंह के नेतृत्व में यह अभियान चलाया गया।
सीईओ सुरेंद्र सिंह ने बताया कि प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में कॉलोनी काटना या कोई निर्माण करना पूरी तरह अवैध है। प्राधिकरण ने इसके खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। जब तक अतिक्रमण को ध्वस्त नहीं करेंगे, यह अभियान जारी रहेगा। अवैध निर्माण को संरक्षण देने वाले अधिकारियों को भी भूमाफिया घोषित किया जाएगा।