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Satyendra Jain: दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन की याचिका खारिज, मेवे और फल उपलब्ध कराने की रखी थी मांग
एएनआई, दिल्ली
Published by: अनुराग सक्सेना
Updated Sat, 26 Nov 2022 05:42 PM IST
सार
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सत्येंद्र जैन ने कोर्ट में मांग की थी कि वे उपवास करते हैं। इसलिए जेल का खाना इसके लिए उपयुक्त नहीं है। उन्हें उपवास के लिए उपयुक्त फल और मेवे खाने की अनुमति दी जाए।
अदालत ने शनिवार को जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को न्यायिक हिरासत के दौरान उनकी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भोजन उपलब्ध कराने का निर्देश देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने जेल प्रशासन के जवाब को देखते हुए कहा कि जब जैन ने उनके पास धार्मिक उपवास की सूचना ही नहीं दी तो वे उनसे विशेष आहार की कैसे अपेक्षा कर सकते है। इसके अलावा जेल मैन्युनल में इस प्रकार के आहार का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में जैन की याचिका खारिज की जाती है।
मामले में तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा कि जेल रिकॉर्ड के अनुसार अधीक्षक सेंट्रल जेल के कार्यालय के पास कोई अनुरोध उपलब्ध नहीं है जहां सत्येंद्र जैन ने धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उपवास रखने की सूचना दी थी। अत: जेल प्रशासन की ओर से उसे ऐसे अनशन की अनुमति देने देने का प्रश्न ही नहीं उठता।
तिहाड़ के वकील अभिजीत शंकर ने स्पष्ट किया कि जेलों में सूखे मेवे की अनुमति कैदी को नहीं है और इसे नियमित भोजन के विकल्प के रूप में भी नहीं लिया जा सकता। यदि चिकित्सा अधिकारी द्वारा ऐसी परिस्थितियों में पूरक के रूप में एक निश्चित अवधि के लिए सूखे मेवे निर्धारित किए जाते हैं तो ऐसे कैदियों के लिए सीमित समय के लिए इसकी अनुमति दी जा सकती है। तिहाड़ जेल प्राधिकरण ने जवाब में कहा कि प्रशासन दिल्ली की जेलों में बंद सभी कैदियों को जाति, पंथ, लिंग आदि के आधार पर किसी भी भेदभाव के बावजूद समान रूप से संतुलित और पौष्टिक आहार की आपूर्ति करता है।
दिल्ली कारागार नियम में कहीं भी यह निर्धारित नहीं है कि किसी कैदी द्वारा उपवास अनिश्चितकाल के लिए हो सकता है। सामान्य मान्यताओं के अनुसार एक विशेष समय-दिन होता है जिसके लिए व्यक्ति आमतौर पर नवरात्र या रमजान के दौरान उपवास रखता है। इसके अलावा नियम धार्मिक उपवास प्रदान करते हैं न कि किसी व्यक्ति द्वारा अपनी पसंद के अनुसार उपवास।
अदालत ने इससे पहले तिहाड़ जेल को सत्येंद्र जैन को भोजन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। अदालत ने पहले तिहाड़ से यह भी रिपोर्ट मांगी थी कि छह महीनों में सत्येंद्र को क्या खाना दिया जा रहा था। क्या वह पिछले 5-6 महीनों के दौरान धार्मिक उपवास पर थे और क्या आहार जो दिया जा रहा था पिछले 10-12 दिनों के दौरान बंद कर दिया गया है या नहीं। दूसरी ओर जैन की और से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा वे किस प्रावधान के तहत कहते हैं कि मैं अनिश्चितकालीन उपवास के लिए नहीं जा सकता। हम एक ऐसे देश में हैं जहां हर कोई अपने धर्म के अनुसार दावा करने के लिए स्वतंत्र है। वास्तव में मुझे मेरे धर्म को मानने से कोई नहीं रोक सकता। मुझे जेल में बुनियादी भोजन भी नहीं मिल रहा है, क्या मेरे मानवाधिकार भी छीन लिए गए हैं।
अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि मालिश करने पर वे कहते हैं कि तिहाड़ मसाज पार्लर बन गया है। कोई मेरा हाथ दबा रहा था क्योंकि मैं जेल के अंदर गिर गया था। मैं जैन हूं और मैंने अपना सारा जीवन मंदिर में जाकर ही खाया है और यही कारण है कि मैं यहां उपवास पर हूं। वास्तव में मुझे कोई नहीं रोक सकता। इससे पहले राहुल मेहरा ने तिहाड़ जेल में विशेषाधिकार प्राप्त इलाज के ईडी के आरोपों का भी खंडन किया, उन्होंने पूछा वे किस विशेषाधिकार की बात कर रहे हैं। मैंने जेल में 28 किलो वजन कम किया है। क्या जेल में एक विशेषाधिकार प्राप्त व्यक्ति को यही मिलता है।
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दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि सत्येंद्र जैन का वजन कम होना उनके नियमित भोजन न करने के कारण है और इसके लिए तिहाड़ जेल प्रशासन जिम्मेदार नहीं है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पाया कि तिहाड़ जेल के रिकॉर्ड प्रथम दृष्टया दिखाते हैं कि इसके अधिकारी पहले डीपीआर 2018 का उल्लंघन करते हुए दिल्ली सरकार के मंत्री होने के नाते सत्येंद्र जैन को फल और सब्जियां प्रदान करके तरजीह दे रहे थे।
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