बैंक खाते से रकम उड़ाने वाले साइबर अपराधियों से त्रस्त पुलिस इन दिनों फेसबुक का मैसेंजर हैक कर मदद के नाम पर रुपये मांगने के नए ट्रेंड से पुलिस परेशान है। आए दिन शिकायतें मिलने के बावजूद जानकारी के अभाव में थाने से टरकाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। माना जा रहा है कि साइबर थाना खुल जाने से न केवल पुलिस बल्कि आम आवाम को भी काफी राहत मिलेगी। एसपी हेमराज मीणा का कहना है कि भूमि वगैरह पहले ही चिह्नित कर ली गई थी। शासन की मंजूरी मिलने से प्रक्रिया में तेजी आएगी।
बुधवार को प्रदेश कैबिनेट में बस्ती सहित सभी 16 परिक्षेत्रीय (मंडल) मुख्यालयों पर साइबर क्राइम थाने की स्थापना को मंजूरी मिल गई। इसमें आईटी सम्बन्धी प्रकरण दर्ज कर तफ्तीश की जाएगी। वैसे तो रेंज में साइबर थाना खोलने की योजना 2016 में शुरू की गई थी। मगर किसी न किसी वजह से इसमें देर होती रही। इस बीच कैशलेस ट्रांजेक्शन का ट्रेंड बढ़ने से साइबर के मामले भी बढ़ते गए। पिछले दो माह में ही ओएलएक्स पर खरीद, पेटीएम से पेमेंट, आरटीजीएस, ऑनलाइन जीएसटी इनवाइस, फेसबुक अकाउंट हैक करने, ऑनलाइन एजेंसी से लेकर अन्य कई माध्यमों से आम लोगों से लेकर व्यापारियों तक से लाखों रुपये की ठगी की गई है।
ऑनलाइन आर्डर, ऑनलाइन बुकिंग, आनलाइन पेमेंट, अकाउंट आईडी हैक, सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाने, वीडियो और फोटो एडिट कर युवतियों और महिलाओं को ब्लैकमेल करने सहित अन्य कई रूपों में साइबर क्राइम से जुड़ी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। एटीएम से ठगी के मामले में लगातार आते रहे हैं। सबसे सड़ी मुसीबत यह है कि आईटी से जुड़े मामलों में पुलिस मुकदमा तो दर्ज कर लेती है लेकिन छानबीन करने में उसके हाथ बंध जाते हैं। ऐसे में इस पहल को काफी अहम कदम माना जा रहा है।
सदर तहसील में महसो के पास छरौंछा गांव में साइबर थाने के लिए दो एकड़ भूमि चयनित की गई है। राजस्व विभाग से आवश्यक कार्रवाई की जा चुकी है। महुली रोड पर स्थित इस भूखंड पर थाना भवन तैयार किया जाएगा, जहां बस्ती, संतकबीरनगर और सिद्धार्थनगर जिलों में साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
इन तरीकों से होती ठगी
फेसबुक आईडी हैक करके मदद के नाम पर मैसेज, बैंक से लोन दिलाने के नाम पर जालसाजी, चिट फंड कंपनी में रुपये जमा कराने पर ठगी, नौकरी लगाने के नाम पर रुपये ऐंठना,चेहरा पहचानो इनाम जीतो के नाम पर ठगी, बीमा कंपनी के फर्जी अधिकारी बनकर ठगी करते हैं, टॉवर लगाने के नाम पर रुपये लेकर लापता होना, लॉटरी लगने का झांसा देकर रुपये ले जाना, एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर, पासवर्ड चुराकर ठगी, कॉल कर ओटीपी पूछ एकाउंट से नकदी उड़ाना।
बैंक खाते से रकम उड़ाने वाले साइबर अपराधियों से त्रस्त पुलिस इन दिनों फेसबुक का मैसेंजर हैक कर मदद के नाम पर रुपये मांगने के नए ट्रेंड से पुलिस परेशान है। आए दिन शिकायतें मिलने के बावजूद जानकारी के अभाव में थाने से टरकाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। माना जा रहा है कि साइबर थाना खुल जाने से न केवल पुलिस बल्कि आम आवाम को भी काफी राहत मिलेगी। एसपी हेमराज मीणा का कहना है कि भूमि वगैरह पहले ही चिह्नित कर ली गई थी। शासन की मंजूरी मिलने से प्रक्रिया में तेजी आएगी।
बुधवार को प्रदेश कैबिनेट में बस्ती सहित सभी 16 परिक्षेत्रीय (मंडल) मुख्यालयों पर साइबर क्राइम थाने की स्थापना को मंजूरी मिल गई। इसमें आईटी सम्बन्धी प्रकरण दर्ज कर तफ्तीश की जाएगी। वैसे तो रेंज में साइबर थाना खोलने की योजना 2016 में शुरू की गई थी। मगर किसी न किसी वजह से इसमें देर होती रही। इस बीच कैशलेस ट्रांजेक्शन का ट्रेंड बढ़ने से साइबर के मामले भी बढ़ते गए। पिछले दो माह में ही ओएलएक्स पर खरीद, पेटीएम से पेमेंट, आरटीजीएस, ऑनलाइन जीएसटी इनवाइस, फेसबुक अकाउंट हैक करने, ऑनलाइन एजेंसी से लेकर अन्य कई माध्यमों से आम लोगों से लेकर व्यापारियों तक से लाखों रुपये की ठगी की गई है।
ऑनलाइन आर्डर, ऑनलाइन बुकिंग, आनलाइन पेमेंट, अकाउंट आईडी हैक, सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाने, वीडियो और फोटो एडिट कर युवतियों और महिलाओं को ब्लैकमेल करने सहित अन्य कई रूपों में साइबर क्राइम से जुड़ी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। एटीएम से ठगी के मामले में लगातार आते रहे हैं। सबसे सड़ी मुसीबत यह है कि आईटी से जुड़े मामलों में पुलिस मुकदमा तो दर्ज कर लेती है लेकिन छानबीन करने में उसके हाथ बंध जाते हैं। ऐसे में इस पहल को काफी अहम कदम माना जा रहा है।