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गोरखपुर महायोजना-2031: सर! आवासीय कर दीजिए लैंड यूज, बड़ी मुश्किल से बनाया है घर
अमर उजाला ब्यूरो गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Sat, 03 Dec 2022 11:43 AM IST
सार
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रामनगर कड़जहां से आई विमला देवी, दिलीप कुमार, उर्मिला, अमरजीत समेत 10 से अधिक आपत्तिकर्ताओं ने कहा कि वर्तमान में उनकी जमीन का भू उपयोग कृषि है। इसे आवासीय करने के बजाय नई महायोजना के प्रारूप में इसका भू-प्रयोग सार्वजनिक एवं अर्ध्य सार्वजनिक कर दिया गया है।
महायोजना 2031 के प्रारूप को लेकर दर्ज आपत्तियों के बाद चल रही सुनवाई के क्रम में सबसे ज्यादा शिकायतें भू-प्रयोग के संबंध में आईं। आपत्तिकर्ताओं ने गुहार लगाते हुए कहा कि गाढ़ी कमाई के एक-एक रुपये जोड़कर किसी तरह घर बनवाया है। यदि नई महायोजना के मुताबिक भू-प्रयोग बदला गया तो बर्बाद हो जाएंगे।
शुक्रवार को बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में बुलाए गए 100 आपत्तिकर्ताओं में से 46 ही पहुंचे। इनमें से ज्यादातर ने लैंड यूज (भू-प्रयोग) को लेकर आपत्ति दर्ज कराई। रामनगर कड़जहां से आई विमला देवी, दिलीप कुमार, उर्मिला, अमरजीत समेत 10 से अधिक आपत्तिकर्ताओं ने कहा कि वर्तमान में उनकी जमीन का भू उपयोग कृषि है। इसे आवासीय करने के बजाय नई महायोजना के प्रारूप में इसका भू-प्रयोग सार्वजनिक एवं अर्ध्य सार्वजनिक कर दिया गया है।
इसी तरह जंगल सीकरी के राम अवधनगर, आरण्य बिहार, जंगल सिकरी की अन्य कॉलोनियों से आईं डॉ. प्रतिमा मिश्रा, सरोज सिंह, सुनीता देवी, बंदना त्रिपाठी, सोना त्रिपाठी, हिमांशु त्रिपाठी, रमाकांत मिश्रा, नीलम राय, डॉ. अमिता त्रिपाठी, मनोज कुमार मिश्रा, नारयण दीक्षित ने भी अपना पक्ष रखा। सभी कहा कि जब जमीन खरीदी तो उसकी रजिस्ट्री आवासीय दर पर की गई।
जीडीए ने बाकायदा नक्शा पास कर मकान निर्माण के लिए एनओसी भी दिया। उसके बाद बैंक से ऋण लेकर सभी ने अपने मकान बनाए। अब उनकी कॉलोनियों को नई महायोजना के प्रारूप में जंगल से सटे 100 मीटर के बफर जोन में लाया जा रहा है। उन्होंने बफर जोन की व्यवस्था खत्म करने की मांग की। साथ ही सवाल भी उठाए कि करीब दो दशक पहले जब कॉलोनी के लोग निर्माण करा रहे थे तब वन विभाग के जिम्मेदार क्या कर रहे थे। उन्होंने जीडीए, बिजली निगम, रजिस्ट्री विभाग के साथ ही निर्माण रोकने के लिए क्या किया।
सुनवाई में जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर की अध्यक्षता में गठित कमेटी में डीएम की ओर से नामित एडीएम सिटी विनीत सिंह, कमिश्नर द्वारा नामित अपर आयुक्त न्यायिक, सहयुक्त नगर नियोजक हितेश कुमार, जीडीए के नगर नियोजक अरविंद कुमार, सचिव यूपी सिंह मौजूद रहे। नगर नियोजक अरविंद कुमार ने बताया कि शनिवार को सुनवाई के सातवें दिन 501 से 600 आपत्ति संख्या के आपत्तिकर्ताओं को सुनवाई के लिए बुलाया गया है।
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