मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) में अब विद्यार्थी एक वर्ष की जगह एक ही सेमेस्टर के बाद अपना ब्रांच बदल सकेंगे। यही नहीं शोधार्थियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। 15 की जगह 30 विद्यार्थी हर वर्ष शोध करेंगे।
एमएमएमयूटी की विद्या परिषद ने कई अहम निर्णय लिए हैं, जिसे इसी सत्र से लागू कर दिया गया है। कुलपति प्रो. एसएन सिंह के मुताबिक ब्रांच बदलने के लिए आवेदन करने वालों में टॉपरों को मौका मिलेगा। जिस ब्रांच में वह पढ़ना चाहते हैं अगर उसमें स्थान रिक्त है तो उन्हें प्रवेश दिया जाएगा। इसी तरह फेलोशिप भी कम कर दी गई है। प्रत्येक विद्यार्थी को 15 हजार रुपये दिए जाएंगे, पहले 30 हजार रुपये दिए जाते थे।
गेस्ट फेकेल्टी पर कम होगी निर्भरता
विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए यूनिवर्सिटी गेस्ट फेकेल्टी के तौर बाहर से शिक्षक बुलाती है लेकिन अब दूसरे वर्ष के विद्यार्थियों को पढ़ाने का अवसर मिलेगा। बदले में उन्हें 15 हजार रुपये फेलोशिप दिया जाएगा। इन शोधार्थियों को रिसर्च एडजंट फेकेल्टी का नाम दिया जाएगा। इसमें भी चयन प्रक्रिया होगी, जिसमें बेहतर शोधार्थी ही रखे जाएंगे।
पार्ट टाइम पीएचडी में 100 किमी की बाध्यता खत्म
पार्ट टाइम पीएचडी में एमएमएमयूटी से 100 किलोमीटर के दायरे की बाध्यता खत्म कर दी गई है। अब देश में रहने वाला कोई भी पार्ट टाइम पीएचडी कर सकता है। यह बाध्यता खत्म होते ही आवेदकों की संख्या बढ़ गई है।
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) में अब विद्यार्थी एक वर्ष की जगह एक ही सेमेस्टर के बाद अपना ब्रांच बदल सकेंगे। यही नहीं शोधार्थियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। 15 की जगह 30 विद्यार्थी हर वर्ष शोध करेंगे।
एमएमएमयूटी की विद्या परिषद ने कई अहम निर्णय लिए हैं, जिसे इसी सत्र से लागू कर दिया गया है। कुलपति प्रो. एसएन सिंह के मुताबिक ब्रांच बदलने के लिए आवेदन करने वालों में टॉपरों को मौका मिलेगा। जिस ब्रांच में वह पढ़ना चाहते हैं अगर उसमें स्थान रिक्त है तो उन्हें प्रवेश दिया जाएगा। इसी तरह फेलोशिप भी कम कर दी गई है। प्रत्येक विद्यार्थी को 15 हजार रुपये दिए जाएंगे, पहले 30 हजार रुपये दिए जाते थे।
गेस्ट फेकेल्टी पर कम होगी निर्भरता
विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए यूनिवर्सिटी गेस्ट फेकेल्टी के तौर बाहर से शिक्षक बुलाती है लेकिन अब दूसरे वर्ष के विद्यार्थियों को पढ़ाने का अवसर मिलेगा। बदले में उन्हें 15 हजार रुपये फेलोशिप दिया जाएगा। इन शोधार्थियों को रिसर्च एडजंट फेकेल्टी का नाम दिया जाएगा। इसमें भी चयन प्रक्रिया होगी, जिसमें बेहतर शोधार्थी ही रखे जाएंगे।
पार्ट टाइम पीएचडी में 100 किमी की बाध्यता खत्म
पार्ट टाइम पीएचडी में एमएमएमयूटी से 100 किलोमीटर के दायरे की बाध्यता खत्म कर दी गई है। अब देश में रहने वाला कोई भी पार्ट टाइम पीएचडी कर सकता है। यह बाध्यता खत्म होते ही आवेदकों की संख्या बढ़ गई है।