अम्बाला। प्रवासियों को अब योग के जरिए फिट किया जाएगा। पिछले आठ दिन से इन प्रवासियों की डेरा ब्यास के अनुयायी दिन रात सेवा कर रहे हैं। सत्संग घर में ही इनके रहने व खाने के खास बंदोबस्त किए गए हैं। प्रशासन की ओर से हाथ खड़े करने के बाद डेरा अनुयायियों ने इन लोगों को लॉकडाउन में आश्रय देने का निर्णय लिया था। करीब 150 सेवादार ड्यटी वाइज इन लोगों की हर सुविधा का ख्याल रख रहे हैं। इन लोगों को कोरोना से बचाया जा सके इसके लिए सामाजिक दूरी के साथ सफाई का भी ख्याल रखा जा रहा है। खाने के लिए रोज बनता है नया मैन्यू लॉकडाउन की वजह से सौंडा रोड स्थित राधा स्वामी सत्संग भवन में ठहरे प्रवासियों के लिए रोज खाने का नया मैन्यू तैयार होता है। सुबह साढ़े चार बजे से लंगर बनना शुरू होता है। चार के साथ सुबह का नाश्ता दिया जाता है। फिर दोपहर व रात के भोजन की व्यवस्था होती है। दोपहर व रात को खीर या फिर हलवा भी प्रवासियों को परोसा जाता है। रात के समय किसी प्रवासी को कोई दिक्कत न हो इसलिए डेरा अनुयायी मौके पर मौजूद रहते हैं। बीमारी से बचाने के लिए सभी प्रवासियों को नियमित तौर पर मास्क व सैनिटाइजर के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। मानसिक व शारीरिक दिक्कत से मिलेगी निजात सत्संग भवन में ठहरे सभी प्रवासियों को अब मानसिक व शारीरिक तौर पर फिट करने के लिए उन्हें रोज योग करवाया जाएगा। योग के क्षेत्र में काम करने वाली एक संस्था ने इसकी जिम्मेदारी ली है। सभी लोगों के लिए योग को जरुरी किया गया है। ये सेवादार दिन रात कर रहे हैं सेवा डेरा सत्संग घर के प्रधान मनोज कुमार ने बताया कि सभी प्रवासियों को तीन समय का खाना दिया जा रहा है।
अम्बाला। प्रवासियों को अब योग के जरिए फिट किया जाएगा। पिछले आठ दिन से इन प्रवासियों की डेरा ब्यास के अनुयायी दिन रात सेवा कर रहे हैं। सत्संग घर में ही इनके रहने व खाने के खास बंदोबस्त किए गए हैं। प्रशासन की ओर से हाथ खड़े करने के बाद डेरा अनुयायियों ने इन लोगों को लॉकडाउन में आश्रय देने का निर्णय लिया था। करीब 150 सेवादार ड्यटी वाइज इन लोगों की हर सुविधा का ख्याल रख रहे हैं। इन लोगों को कोरोना से बचाया जा सके इसके लिए सामाजिक दूरी के साथ सफाई का भी ख्याल रखा जा रहा है। खाने के लिए रोज बनता है नया मैन्यू लॉकडाउन की वजह से सौंडा रोड स्थित राधा स्वामी सत्संग भवन में ठहरे प्रवासियों के लिए रोज खाने का नया मैन्यू तैयार होता है। सुबह साढ़े चार बजे से लंगर बनना शुरू होता है। चार के साथ सुबह का नाश्ता दिया जाता है। फिर दोपहर व रात के भोजन की व्यवस्था होती है। दोपहर व रात को खीर या फिर हलवा भी प्रवासियों को परोसा जाता है। रात के समय किसी प्रवासी को कोई दिक्कत न हो इसलिए डेरा अनुयायी मौके पर मौजूद रहते हैं। बीमारी से बचाने के लिए सभी प्रवासियों को नियमित तौर पर मास्क व सैनिटाइजर के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। मानसिक व शारीरिक दिक्कत से मिलेगी निजात सत्संग भवन में ठहरे सभी प्रवासियों को अब मानसिक व शारीरिक तौर पर फिट करने के लिए उन्हें रोज योग करवाया जाएगा। योग के क्षेत्र में काम करने वाली एक संस्था ने इसकी जिम्मेदारी ली है। सभी लोगों के लिए योग को जरुरी किया गया है। ये सेवादार दिन रात कर रहे हैं सेवा डेरा सत्संग घर के प्रधान मनोज कुमार ने बताया कि सभी प्रवासियों को तीन समय का खाना दिया जा रहा है।