चंडीगढ़। पंजाब मंडी बोर्ड की ओर से सड़कों की मरम्मत के लिए ज्योग्राफिक इनफॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) तकनीक से करवाई गई राज्य की सड़कों की पैमाइश में बड़े स्तर पर गड़बड़ी पाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने इसकी जांच का एलान करते हुए कहा कि सरकार के राजस्व को अब तक अरबों रुपये का चूना लगाया गया। उन्होंने कहा कि इस तकनीक को पिछले सरकारों ने जानबूझकर इस्तेमाल नहीं किया, जिसकी वजह से अरबों का नुकसान हुआ है।
अमर उजाला ने अपने 24 नवंबर 2022 के संस्करण में ‘जीआईएस सर्वे में खुलासा, जमीन पर नहीं मिलीं 538 किलोमीटर सड़कें’ शीर्षक से इस खबर को प्रकाशित किया था। इसके बाद पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने ट्वीट जारी करते हुए इस मामले की जांच करवाने का एलान किया। उन्होंने लिखा कि जल्द ही पिछली सरकारों द्वारा किए गए इसी तरह के बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया जाएगा। पिछले सरकारों ने सरकारी राजस्व की लूट जारी रखने के मकसद से सड़कों के सर्वेक्षण में जीआईएस तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया। आप सरकार ने इस तकनीक को अपनाया तो पता चला कि पंजाब में 538 किलोमीटर सड़कें जमीन पर मिलीं ही नहीं, जिनकी मरम्मत के नाम पर अब तक अरबों रुपये सरकारी खजाने से निकाले गए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के गुजरात से लौटते ही उन्हें इस मामले की फाइल जांच के लिए सौंपी जाएगी।
गौर हो कि पंजाब मंडी बोर्ड ने हाल ही में पंजाब की 64,878 किलोमीटर संपर्क सड़कों की जीआईएस तकनीक से पैमाइश करवाई, जिसमें सड़कों का दायरा 538 किलोमीटर घट गया। यानी 538 किलोमीटर सड़कें जमीन पर ही नहीं मिलीं। अभी तक सरकार मैन्यूल तरीके से सड़कों की पैमाइश करवाती रही है। पंजाब मंडी बोर्ड हर साल इन सड़कों की मरम्मत पर करोड़ों रुपये का बजट खर्च करता है। इस बार सही तरीके से हुई पैमाइश से मरम्मत में होने वाले बजट में कमी आएगी।