पंचकूला। विश्व धरोहर में शामिल कालका-शिमला रेल मार्ग पर जल्द ही नए डिजाइन और तकनीक से लैस पारदर्शी कोच दौड़ते नजर आएंगे। आरसीएफ कपूरथला ने दो नए डिजाइन के पारदर्शी (पैनोरमिक) कोच को तैयार कर कालका वर्कशॉप भेजा है, इसका शनिवार को कालका-शिमला रेल ट्रैक पर कालका से धरमपुर और धरमपुर से कालका के बीच ट्रायल होगा। आरडीएसओ की टीम इन कोचों का ट्रायल करेगी। वहीं ट्रायल सफल होने के बाद कोच का नियमित प्रोडक्शन शुरू किया जाएगा।
चौड़ी खिड़कियां और फायर अलार्म होगा
इन नैरो गेज पैनोरमिक कोचों की बड़ी और चौड़ी खिड़कियों को जरूरत के अनुसार खोला भी जा सकेगा। इनके माध्यम से बाहरी परिदृश्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी होगा। मंत्रमुग्ध करने वाले पहाड़ी दृश्यों का कोच में बैठे ही आनंद भी उठाया जा सकेगा। रेलवे मंत्रालय के आदेश पर आरसीएफ डिजाइन तैयार करने में जुटा है। डिब्बों का मुख्य आकर्षण बड़ी और चौड़ी खिड़कियों के अतिरिक्त यात्री अपनी आरामदायक सीटों को ट्रेन की दिशा के अनुसार 180 डिग्री तक घुमा सकेंगे। कोच का अंदरूनी हिस्सा खूबसूरत एफआरपी पैनल से सुसज्जित होगा। यह कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म आदि जैसे आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस होंगे।
30 डिब्बों का निर्माण
रेल कोच फैक्ट्री कालका-शिमला रेलवे के लिए शुरुआत में 30 नैरो गेज विस्टाडोम डिब्बों का निर्माण करेगी। आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए शुरुआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार की योजना बनाई गई है
नए कोचो का ट्रायल कालका से धर्मपुर और धर्मपुर से वापस कालका तक होगा। - सीताराम मीणा, स्टेशन अधीक्षक, कालका