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PGI Rohtak decide to not admit new Corona Patients due to Lack of Oxygen
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बिगड़ रहे हालात: रोहतक पीजीआई में ऑक्सीजन खत्म, कोरोना के नए मरीजों की भर्ती बंद, कहा-असुविधा के लिए खेद
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रोहतक (हरियाणा)
Published by: रोहतक ब्यूरो
Updated Mon, 26 Apr 2021 01:31 AM IST
सार
संस्थान की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से हम और मरीजों को भर्ती नहीं कर सकते। असुविधा के लिए खेद है।
रोहतक पीजीआई
- फोटो : फाइल फोटो
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एक ओर कोरोना का कहर तो दूसरी ओर ऑक्सीजन की कमी, हरियाणा में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान पीजीआई ने अपने ट्रॉमा कोविड-19 अस्पताल में नए कोविड मरीज लेने से इनकार कर दिया है। इसकी वजह ऑक्सीजन नहीं होना बताया जा रहा है। रविवार देर रात संस्थान की ओर से सूचना जारी करते हुए प्रवक्ता ने नए मरीज लेने से इनकार किए जाने की जानकारी मीडिया से साझा की। संस्थान की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से हम और मरीजों को भर्ती नहीं कर सकते। असुविधा के लिए खेद है।
निजी अस्पतालों को पहले ही पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी। अब पीजीआई ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में मरीजों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की मुश्किलें बढ़ना तय है। या यूं कहें कि कोरोना से जंग में हथियार कम नहीं पड़ रहे, खत्म भी होने लगे हैं। ऐसे में महामारी से पार पाना मुश्किल नजर आने लगा है। यही हाल रहा तो संक्रमण कई गुणा फैलने का डर है।
पीजीआई में ऑक्सीजन की कमी के संबंध में रविवार को दिनभर चर्चाएं गरम रही। स्टाफ ही नहीं मरीज भी ऑक्सीजन नहीं मिलने के डर से सहमे नजर आए। ऑक्सीजन कब आएगी, मरीजों का क्या होगा। ऐसे सवाल लोगों के बीच चर्चा का विषय बने रहे। लोगों ने बताया कि संस्थान के ऑक्सीजन सिलिंडर खाली होने लगे हैं। कंपनी से ऑक्सीजन आनी थी। वह नहीं आई। जितनी ऑक्सीजन थी, वह प्रयोग हो चुकी है। अब मरीजों के लिए मुश्किल समय है। जल्दी ही ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं मिली तो स्थिति भयावह बन सकती है।
पीजीआई के ट्रॉमा कोविड-19 अस्पताल में महामारी से पीड़ितों के लिए 102 बेड होने का दावा किया गया है। यहां ऑक्सीजन की सप्लाई की मांग काफी बढ़ गई है। मरीजों की संख्या के हिसाब से यहां ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। फिलहाल यहां भर्ती मरीजों को भी मुश्किल से ही ऑक्सीजन मिल रही है। इस कारण फिलहाल नए मरीजों की भर्ती कुछ समय के लिए रोक दी गई है।
हर दूसरे दिन ऑक्सीजन डालना जरूरी
संस्थान के ट्रॉमा सेंटर में बने ऑक्सीजन टैंक में हर दो दिन में ऑक्सीजन डालना जरूरी है। जबकि किन्हीं कारणों से ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। इस कारण इस टैंक में ऑक्सीजन नहीं डाली गई है। ऐसे में पुराने मरीजों का जीवन सुरक्षित रखने के लिए संस्थान ने देर रात नए मरीज नहीं लेने का फैसला लिया।
विस्तार
एक ओर कोरोना का कहर तो दूसरी ओर ऑक्सीजन की कमी, हरियाणा में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान पीजीआई ने अपने ट्रॉमा कोविड-19 अस्पताल में नए कोविड मरीज लेने से इनकार कर दिया है। इसकी वजह ऑक्सीजन नहीं होना बताया जा रहा है। रविवार देर रात संस्थान की ओर से सूचना जारी करते हुए प्रवक्ता ने नए मरीज लेने से इनकार किए जाने की जानकारी मीडिया से साझा की। संस्थान की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से हम और मरीजों को भर्ती नहीं कर सकते। असुविधा के लिए खेद है।
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निजी अस्पतालों को पहले ही पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी। अब पीजीआई ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में मरीजों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की मुश्किलें बढ़ना तय है। या यूं कहें कि कोरोना से जंग में हथियार कम नहीं पड़ रहे, खत्म भी होने लगे हैं। ऐसे में महामारी से पार पाना मुश्किल नजर आने लगा है। यही हाल रहा तो संक्रमण कई गुणा फैलने का डर है।
पीजीआई में ऑक्सीजन की कमी के संबंध में रविवार को दिनभर चर्चाएं गरम रही। स्टाफ ही नहीं मरीज भी ऑक्सीजन नहीं मिलने के डर से सहमे नजर आए। ऑक्सीजन कब आएगी, मरीजों का क्या होगा। ऐसे सवाल लोगों के बीच चर्चा का विषय बने रहे। लोगों ने बताया कि संस्थान के ऑक्सीजन सिलिंडर खाली होने लगे हैं। कंपनी से ऑक्सीजन आनी थी। वह नहीं आई। जितनी ऑक्सीजन थी, वह प्रयोग हो चुकी है। अब मरीजों के लिए मुश्किल समय है। जल्दी ही ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं मिली तो स्थिति भयावह बन सकती है।
ट्रॉमा सेंटर में हैं मरीजों के लिए 102 बेड
पीजीआई के ट्रॉमा कोविड-19 अस्पताल में महामारी से पीड़ितों के लिए 102 बेड होने का दावा किया गया है। यहां ऑक्सीजन की सप्लाई की मांग काफी बढ़ गई है। मरीजों की संख्या के हिसाब से यहां ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। फिलहाल यहां भर्ती मरीजों को भी मुश्किल से ही ऑक्सीजन मिल रही है। इस कारण फिलहाल नए मरीजों की भर्ती कुछ समय के लिए रोक दी गई है।
हर दूसरे दिन ऑक्सीजन डालना जरूरी
संस्थान के ट्रॉमा सेंटर में बने ऑक्सीजन टैंक में हर दो दिन में ऑक्सीजन डालना जरूरी है। जबकि किन्हीं कारणों से ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। इस कारण इस टैंक में ऑक्सीजन नहीं डाली गई है। ऐसे में पुराने मरीजों का जीवन सुरक्षित रखने के लिए संस्थान ने देर रात नए मरीज नहीं लेने का फैसला लिया।
संस्थान के ट्रॉमा कोविड-19 अस्पताल में फिलहाल नए मरीजों की भर्ती कुछ समय के लिए रोक दी गई है। यहां मरीजों के लिए करीब 120 बेड हैं। इन मरीजों के लिए ऑक्सीजन की मांग काफी बढ़ गई है। ट्रॉमा सेंटर के टैंक में हर दूसरे दिन ऑक्सीजन डालना जरूरी है। यह सप्लाई फिलहाल बंद है। इस कारण ऑक्सीजन की कमी दूर होने तक मरीज भर्ती नहीं किए जाने का फैसला लिया गया है। अस्पताल में भर्ती मौजूदा मरीजों का जीवन बचाने के लिए यह फैसला लिया गया है। जिला प्रशासन के साथ लगातार संपर्क किया जा रहा है। पुराने मरीजों को किसी तरह ऑक्सीजन सिलिंडर से ऑक्सीजन देकर काम चलाया जा रहा है। - डॉ. पुष्पा दहिया, चिकित्सा अधीक्षक, पीजीआईएमएस
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