सर्दी में जैसे-जैसे तापमान कम हो रहा है, प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता जा रहा है। चार दिनों से शहर में एक्यूआई 200 से ऊपर है, जो कि खराब श्रेणी में आता है। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। इसके अलावा आंखों में जलन भी महसूस हो रही है। अभी से यह हाल है तो आने वाले दिनों में तब क्या होगा जब कोहरा भी छाने लगा है।
प्रदूषण को बढ़ने से रोकने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा। शहर में कहीं कचरे में आग लगाई जा रही है तो कहीं अन्य सामान। शहर में हर साल तापमान कम होने के साथ ही प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगता है। चार दिनों से शहर का एक्यूआई खराब श्रेणी में है। सोमवार को एक्यूआई 226 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। जबकि चार दिसंबर को यह 288, 3 दिसंबर को 237 व 2 दिसंबर को 254 माइक्रोग्राम था। माइनिंग जोन से आने वाले रेत से भरे ट्रक शहर के बीचोबीच होकर निकलते हैं। ट्रक व डंपरों में भरा हुआ रेत सड़कों किनारे बिखरता चला जाता है। जब कोई वाहन तेज गति से निकलता है तो रेत के करण भी धूल के साथ हवा में मिल जाते हैं। इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। इसके अलावा फैक्टरियों की चिमनी से निकल रहा धुआं भी प्रदूषण बढ़ा रहा हैं। संबंधित विभाग द्वारा दावे तो बहुत किए जाते हैं कि फैक्टरियों में प्रदूषण को कम करने के लिए जरूरी उपकरण लगाए गए हैं, लेकिन सभी में ऐसा नहीं है। काफी फैक्ट्री संचालक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। कुछ लोगों की लापरवाही हजारों लोगों पर भारी पड़ रही है। गत वर्ष तो कोहरे के दिनों में हालात ऐसे हो गए थे कि जिला प्रशासन को पेड़ों पर जमी धूल को साफ करने के लिए दमकल विभाग की गाड़ियों से पानी का छिड़काव कराना पड़ा था। यदि अभी से प्रदूषण को कम करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किया गया तो पानी छिड़काव की नौबत इस बार भी आ सकती है।
वर्जन
प्रदूषण फैलाने वालों पर करते हैं कार्रवाई
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विरेंद्र पुनिया का कहना है जो लोग प्रदूषण फैलाते हैं उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाती है। ऐसी जगहों पर औचक निरीक्षण भी करते हैं। खाली पाए जाने पर जुर्माना करने के अलावा सील भी कर देते हैं।
शहर में गत व इस वर्ष शहर के एक्यूआई पर एक नजर:
तारीख 2022 2021
1 दिसंबर 172 300
2 दिसंबर 254 305
3 दिसंबर 237 346
4 दिसंबर 288 236
5 दिसंबर 226 192