चंबा। महाविद्यालय चंबा में प्राध्यापकों के रिक्त पद जल्द भरने की मांग के साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विरोध में एसएफआई ने धरना-प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन का संचालन करते हुए इकाई सचिव खेमराज ने कहा कि राजकीय महाविद्यालय चंबा जिले का सबसे बड़ा कॉलेज है। यहां करीब चार हजार विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन, सबसे बड़ा महाविद्यालय होने के बावजूद यहां अधिकांश प्राध्यापकों के पद खाली हैं।
कोरोना महामारी ने पहले ही पढ़ाई को काफी प्रभावित किया है। ऐसे में अब जब काफी समय बाद जब कॉलेज खुल रहे हैं तो प्राध्यापकों की कमी से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कॉलेज में लोक प्रशासन विषय का वर्तमान में एक भी अध्यापक नहीं है। इसके अलावा अन्य विषयों के भी कई पद खाली हैं। नतीजतन, एक-एक प्राध्यापक दिन में पांच-पांच कक्षाएं लगाने के लिए मजबूर हैं, जिससे उन्हें मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। नेहा ने बताया कि चंबा महाविद्यालय जिला का एकमात्र सरकारी पीजी कॉलेज है। इसमें हिंदी, अंग्रेजी, राजनीतिक शास्त्र, इतिहास और अर्थशास्त्र विषय में पीजी कक्षाएं लगती हैं।
पीजी विषयों की कक्षाएं पुराने कॉलेज में लगती हैं, जबकि यूजी की कक्षाएं नए कॉलेज में लगाई जाती हैं। वर्तमान में महाविद्यालय में राजनीतिक शास्त्र का एक ही अध्यापक है, जिन्हें पीजी और यूजी दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाना पड़ रहा है। राज्य कमेटी सदस्य कामरेड रेहमतुला ने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एसएफआई विरोध कर रही है। इसके लिए 24 घंटे का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से मांग की गई कि इन मांगों को दरकिनार करने पर एसएफआई अन्य छात्र समुदाय को साथ लेकर चक्का जाम और भूख हड़ताल करेगी। इसके लिए सरकार और प्रशासन जिम्मेदार होगा।
चंबा। महाविद्यालय चंबा में प्राध्यापकों के रिक्त पद जल्द भरने की मांग के साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विरोध में एसएफआई ने धरना-प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन का संचालन करते हुए इकाई सचिव खेमराज ने कहा कि राजकीय महाविद्यालय चंबा जिले का सबसे बड़ा कॉलेज है। यहां करीब चार हजार विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन, सबसे बड़ा महाविद्यालय होने के बावजूद यहां अधिकांश प्राध्यापकों के पद खाली हैं।
कोरोना महामारी ने पहले ही पढ़ाई को काफी प्रभावित किया है। ऐसे में अब जब काफी समय बाद जब कॉलेज खुल रहे हैं तो प्राध्यापकों की कमी से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कॉलेज में लोक प्रशासन विषय का वर्तमान में एक भी अध्यापक नहीं है। इसके अलावा अन्य विषयों के भी कई पद खाली हैं। नतीजतन, एक-एक प्राध्यापक दिन में पांच-पांच कक्षाएं लगाने के लिए मजबूर हैं, जिससे उन्हें मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। नेहा ने बताया कि चंबा महाविद्यालय जिला का एकमात्र सरकारी पीजी कॉलेज है। इसमें हिंदी, अंग्रेजी, राजनीतिक शास्त्र, इतिहास और अर्थशास्त्र विषय में पीजी कक्षाएं लगती हैं।
पीजी विषयों की कक्षाएं पुराने कॉलेज में लगती हैं, जबकि यूजी की कक्षाएं नए कॉलेज में लगाई जाती हैं। वर्तमान में महाविद्यालय में राजनीतिक शास्त्र का एक ही अध्यापक है, जिन्हें पीजी और यूजी दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाना पड़ रहा है। राज्य कमेटी सदस्य कामरेड रेहमतुला ने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एसएफआई विरोध कर रही है। इसके लिए 24 घंटे का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से मांग की गई कि इन मांगों को दरकिनार करने पर एसएफआई अन्य छात्र समुदाय को साथ लेकर चक्का जाम और भूख हड़ताल करेगी। इसके लिए सरकार और प्रशासन जिम्मेदार होगा।