बिझड़ी (हमीरपुर)। उपमंडल बड़सर की अरसे से बंद पड़ी भालत सिंचाई योजना का आज तक जीर्णोद्धार कार्य नहीं हो पाया। सरकार की ओर से पूर्व में आयोजित जनमंच में भी किसानों की इस समस्या को जोरशोर से उठाया गया था। इसके बाद जल शक्ति विभाग ने एक पूर्व के तहत इस योजना के जीर्णोद्धार के लिए एस्टीमेट बनाया था, लेकिन आज तक बजट स्वीकृत नहीं हो पाया है।
इस कारण किसानों को सिंचाई योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा। स्थानीय किसानों रमेश चंद, नीलम कुमारी, करतार चंद, राकेश कुमार, विधि सिंह ने कहा कि वर्ष 2021 में जल शक्ति विभाग ने सिंचाई योजना के जीर्णोद्धार कार्य के लिए 76 लाख रुपये का एस्टीमेट बनाया था, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी सिंचाई योजना के जीर्णोद्धार को लेकर कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई, जिससे किसान को सिंचाई योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा।
उन्होंने कहा कि तीन वर्ष पूर्व योजना में लगी सीमेंट पाइप बरसात के दिनों में पानी के बहाव में बह गई थी और पंप हाउस में लगी मशीनरी भी खराब हो गई थी, जिसके जीर्णोद्धार के लिए विभाग की ओर से 76 लाख रुपये का एस्टीमेट बनाया गया था, लेकिन विभाग एक वर्ष के उपरांत भी इस कार्य के लिए बजट स्वीकृत नहीं करवा पाया है।
भालत सिंचाई योजना का निर्माण 30 वर्ष पूर्व किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए किया गया था। वहीं किसान भी सिंचाई योजना से सब्जियां, फसलों को पानी देने के लिए प्रयोग करते थे, लेकिन योजना के बंद होने से अब किसानों को बारिश के पानी पर निर्भर रहना पड़ रहा है। यदि समय पर बारिश न हो तो किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि सिंचाई योजना के पुनर्निर्माण के लिए विभाग को कई बार अवगत करवा चुके हैं, लेकिन विभाग की ओर से कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई। इसका किसानों को भुगतना पड़ रहा है। उधर, जल शक्ति विभाग बड़सर के अधिशासी अभियंता डीआर चौहान ने कहा कि भालत गांव की सिंचाई योजना के लिए 76 लाख रुपये का एस्टीमेट बनाया गया है। आगामी समय में शीघ्र ही इस परियोजना का जीर्णोद्धार किया जाएगा।