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Hamirpur (Himachal) News: नादौन अस्पताल में नहीं मिल रही मरीजों को बिस्तर की सुविधा
शिमला ब्यूरो
Updated Mon, 05 Dec 2022 11:21 PM IST
नादौन अस्पताल की ऊपरी मंजिल में मरीजों के लिए लगाए बिस्तर खाली पड़े
- फोटो : Hamirpur-HP
नादौन(हमीरपुर)। नागरिक अस्पताल नादौन में मरीजों को मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। अस्पताल में आने वाले मरीजों को उपचार के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। अस्पताल भवन की ऊपरी मंजिल में दो वर्ष पूर्व स्थापित किए गए 20 बिस्तरों का आज तक मरीजों को लाभ नहीं मिल पाया है।
वहीं फर्स्ट एड का प्रशिक्षण लेने आने वाले प्रशिक्षुओं से यहां मरीजों को टीके लगवाए जा रहे हैं। रेडियोलॉजिस्ट की स्थायी नियुक्ति न होने के कारण अल्ट्रासाउंड मशीन धूल फांक रही हैं। माह में महज दो बार गलोड़ से विशेषज्ञ आता है। महीने में महज दो बार ही मरीजों को अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिल पा रही है। लोगों को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए दो माह बाद का समय दिया जा रहा है। ऐसे में मरीजों खासकर गर्भवती महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इमरजेेंसी में निजी लैबों में अल्ट्रासाउंड सुविधा लेनी पड़ती है। वहीं हल्की चोट या बुखार होने पर बिस्तर न होने का तर्क देकर मरीजों को हमीरपुर और टांडा अस्पताल के लिए रैफर किया जा रहा है। अस्पताल भवन की ऊपरी मंजिल में 20 बिस्तर मरीजों को दाखिल करने के लिए स्थापित किए गए हैं, जिनमें दो बिस्तर आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं, लेकिन वहां पर दो वर्ष बीत जाने पर भी आज तक मरीजों को दाखिल नहीं किया गया।
ऐसे में सभी बिस्तर धूल फांक रहे हैं, जिससे सरकार के लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। लोगों संजय, आशु, सोनू, निक्कू, रमेश, नीरज, सुनील, आदि ने कहा कि सुविधा उपकरण होने पर भी मरीजों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में बिस्तर न होने का बहाना देकर मरीजों को गुमराह किया जा रहा है।
वहीं इस बारे बीएमओ डॉ. केके शर्मा ने कहा कि कई बार मरीज की घायल अवस्था को देखते हुए उसे रैफर कर दिया जाता है। फर्स्ट ऐड के प्रशिक्षुओं को इंजेक्शन लगाने के कोई भी आदेश नहीं हैं। कई बार फार्मासिस्ट का कोर्स करने के उपरांत प्रशिक्षु आते हैं। परंतु उन्हें भी कुछ दिन के बाद ही टीके लगाने तथा दवाई देने के लिए कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में कुल 40 बिस्तर हैं। ऊपरी मंजिल में करीब 20 बिस्तर मरीजों को दाखिल करने के लिए स्थापित किए गए हैं। जहां कभी मरीज को दाखिल नहीं किया गया, क्योंकि अभी तक इनकी जरूरत नहीं पड़ी। इमरजेंसी पर ही मरीजों को दाखिल किया जाता है।
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