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Amit Shah's 'taught a lesson' remark not violative of poll code, say Election Commission to decide news in hin
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'2002 में सबक सिखाया': अमित शाह ने गुजरात चुनाव के दौरान दिया था बयान, EC ने नहीं माना आचार संहिता का उल्लंघन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Sat, 10 Dec 2022 09:49 PM IST
सार
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शाह ने खेड़ा जिले के महुधा में एक रैली के दौरान कहा था कि कांग्रेस के राज के दौरान (1995 से पहले) राज्य में सांप्रदायिक दंगे ज्यादा होते थे। कांग्रेस अलग-अलग समुदाय और जातियों के लोगों को भड़काने का काम करती थी, ताकि वे एक-दूसरे के खिलाफ लड़ें।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चुनाव के दौरान दिए गए अपने '2002 में हिंसा फैलाने वाले दंगाइयों सबक सिखाया' बयान के लिए राहत मिल सकती है। दरअसल, चुनाव आयोग ने उनके इस बयान को आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना है।
न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि चुनाव आयोग ने इस बयान को लेकर राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी से लेकर कानूनी राय भी लीं। इसके बाद आयोग ने पाया कि शाह का दंगाइयों के खिलाफ बयान आचार संहिता का उल्लंघन नहीं था।
शाह ने खेड़ा जिले के महुधा में एक रैली के दौरान कहा था कि कांग्रेस के राज के दौरान (1995 से पहले) राज्य में सांप्रदायिक दंगे ज्यादा होते थे। कांग्रेस अलग-अलग समुदाय और जातियों के लोगों को भड़काने का काम करती थी, ताकि वे एक-दूसरे के खिलाफ लड़ें। इन दंगों के जरिए ही कांग्रेस अपने वोट बैंक को मजबूत रखती थी और समाज के साथ अन्याय करती थी।
शाह ने कहा था कि गुजरात को 2002 में दंगों का सामना करना पड़ा था। लेकिन अशांति फैलाने वालों को 2002 में सबक सिखाया गया। जिसके बाद राज्य में शांति कायम हुई है। भाजपा ने गुजरात में स्थायी शांति स्थापित की है। शाह के इसी बयान के खिलाफ एक नौकरशाह ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी, जिस पर चुनाव आयोग विचार कर रहा था।
55-56 करोड़ मतदाताओं ने वोटर लिस्ट से लिंक किया आधार
आधार मतदाता सूची से आधार की जानकारी लिंक करने को लेकर चुनाव आयोग ने बड़ी जानकारी दी है। आयोग ने कहा है कि लगभग 95 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से करीब 56 करोड़ ने अपने आधार विवरण को मतदाता सूची से लिंक करा लिया है। सरकार और चुनाव आयोग का मानना है कि आधार को वोटर लिस्ट से जोड़ने के बाद फर्जी वोटरों को इससे बाहर करा जा सकेगा।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि करीब 55 से 56 करोड़ मतदाताओं ने मतदाता सूची के साथ लिंक करने के लिए चुनाव अधिकारियों के साथ अपने आधार विवरण साझा किए हैं। आधार और मतदाता सूची विवरण के स्वैच्छिक आधार लिंक करने के लिए पिछले साल दिसंबर में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन किया गया था। जिसके बाद इस साल के अंत में, केंद्रीय कानून मंत्रालय ने चुनावी कानून में किए गए बदलावों को लागू करने के लिए नियम जारी किए थे।
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