कर्नाटक में महिंद्रा के एक शोरूम में गाड़ी की बिक्री को लेकर किसान को अपमानित किए जाने के मामले में उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने मंगलवार को पहली सार्वजनिक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति की गरिमा को बनाए रखना जरूरी है। कर्नाटक के तुमकुर में एक किसान को महिंद्रा एंड महिंद्रा एसयूवी शोरूम में बिक्री कर्मचारियों द्वारा कथित रूप से अपमानित किया गया था।
आनंद महिंद्रा बोले, गरिमा बनाए रखना जरूरी
महिंद्रा एंड महिंद्रा के सीईओ वीजय नाकरा का जिक्र करते हुए आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, @MahindraRise का मूल उद्देश्य हमारे समुदायों और सभी हितधारकों को ऊपर उठने में सक्षम बनाना है और किसी भी व्यक्ति की गरिमा को बनाए रखना है। इस सोच में किसी भी तरह की गड़बड़ी का तुरंत समाधान किया जाएगा।
नाकरा ने घटना की जांच और कार्रवाई का वादा किया है जिसमें फ्रंटलाइन स्टाफ को परामर्श और प्रशिक्षण शामिल हैं। यह बयान तुमकुर की उस घटना के बाद आया जिसमें एक किसान की वेशभूषा देखकर सेल्समैन ने उसका मजाक उड़ाया था। इस पर किसी फिल्म स्क्रिप्ट के अंदाज में किसान उसे चुनौती देते हुए एक घंटे के भीतर 10 लाख रुपये लेकर लौटा था। हालांकि, तब शोरूम ने उस किसान को किसी तुरंत गाड़ी उपलब्ध कराने से असमर्थता जता दी। इससे गुस्साए किसान ने वहां पुलिस भी बुला ली थी और अधिकारियों से माफी मांगने को कहा था।
जानिए पूरा मामला
यह घटना शुक्रवार की थी जब चिक्कसांद्रा होबली के रामनपाल्या के केम्पेगौड़ा नाम का किसान अपने सात साथियों के साथ एक शोरूम में बोलेरो पिकअप ट्रक खरीदने गया था। केम्पेगौड़ा ने कहा मेरे कपड़े और मेरी हालत देखकर उन्हें लगा कि मैं पैसे देने की हालत में नहीं हूं। उनके एक फील्ड ऑफिसर ने मुझसे कहा कि आपके पास शायद 10 रुपये भी नहीं हैं, क्या तुम गाड़ी खरीदेंगे? उसने यहां तक कहा कि जो लोग गाड़ी खरीदने आते हैं, वे ऐसे नहीं आते हैं।
अपमानित महसूस कर रहे मेरे एक चाचा ने सेल्समैन को चुनौती दी कि वे 10 लाख रुपये देने के लिए तैयार हैं और क्या उन्हें तुरंत गाड़ी मिल जाएगी। इस पर शोरूम ने जवाब दिया कि अगर उन्हें आधे घंटे में पूरा पैसा नकद मिल जाता है, तो वह तुरंत गाड़ी दे देंगे। केम्पेगौड़ा ने कहा कि जब उन्हें 10 लाख रुपये मिले और 30 मिनट के भीतर इसे सेल्समैन के सामने रखा तो वह बात से पलट गया और कहा कि कुछ वजहों से तुरंत गाड़ी नहीं दी जा सकती है।
विस्तार
कर्नाटक में महिंद्रा के एक शोरूम में गाड़ी की बिक्री को लेकर किसान को अपमानित किए जाने के मामले में उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने मंगलवार को पहली सार्वजनिक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति की गरिमा को बनाए रखना जरूरी है। कर्नाटक के तुमकुर में एक किसान को महिंद्रा एंड महिंद्रा एसयूवी शोरूम में बिक्री कर्मचारियों द्वारा कथित रूप से अपमानित किया गया था।
आनंद महिंद्रा बोले, गरिमा बनाए रखना जरूरी
महिंद्रा एंड महिंद्रा के सीईओ वीजय नाकरा का जिक्र करते हुए आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, @MahindraRise का मूल उद्देश्य हमारे समुदायों और सभी हितधारकों को ऊपर उठने में सक्षम बनाना है और किसी भी व्यक्ति की गरिमा को बनाए रखना है। इस सोच में किसी भी तरह की गड़बड़ी का तुरंत समाधान किया जाएगा।
नाकरा ने घटना की जांच और कार्रवाई का वादा किया है जिसमें फ्रंटलाइन स्टाफ को परामर्श और प्रशिक्षण शामिल हैं। यह बयान तुमकुर की उस घटना के बाद आया जिसमें एक किसान की वेशभूषा देखकर सेल्समैन ने उसका मजाक उड़ाया था। इस पर किसी फिल्म स्क्रिप्ट के अंदाज में किसान उसे चुनौती देते हुए एक घंटे के भीतर 10 लाख रुपये लेकर लौटा था। हालांकि, तब शोरूम ने उस किसान को किसी तुरंत गाड़ी उपलब्ध कराने से असमर्थता जता दी। इससे गुस्साए किसान ने वहां पुलिस भी बुला ली थी और अधिकारियों से माफी मांगने को कहा था।
जानिए पूरा मामला
यह घटना शुक्रवार की थी जब चिक्कसांद्रा होबली के रामनपाल्या के केम्पेगौड़ा नाम का किसान अपने सात साथियों के साथ एक शोरूम में बोलेरो पिकअप ट्रक खरीदने गया था। केम्पेगौड़ा ने कहा मेरे कपड़े और मेरी हालत देखकर उन्हें लगा कि मैं पैसे देने की हालत में नहीं हूं। उनके एक फील्ड ऑफिसर ने मुझसे कहा कि आपके पास शायद 10 रुपये भी नहीं हैं, क्या तुम गाड़ी खरीदेंगे? उसने यहां तक कहा कि जो लोग गाड़ी खरीदने आते हैं, वे ऐसे नहीं आते हैं।
अपमानित महसूस कर रहे मेरे एक चाचा ने सेल्समैन को चुनौती दी कि वे 10 लाख रुपये देने के लिए तैयार हैं और क्या उन्हें तुरंत गाड़ी मिल जाएगी। इस पर शोरूम ने जवाब दिया कि अगर उन्हें आधे घंटे में पूरा पैसा नकद मिल जाता है, तो वह तुरंत गाड़ी दे देंगे। केम्पेगौड़ा ने कहा कि जब उन्हें 10 लाख रुपये मिले और 30 मिनट के भीतर इसे सेल्समैन के सामने रखा तो वह बात से पलट गया और कहा कि कुछ वजहों से तुरंत गाड़ी नहीं दी जा सकती है।