Hindi News
›
India News
›
Omicron Variant: World Health Organization latest report revealed not a single death has been registered so far from new strain of coronavirus
{"_id":"61af20d96331b0090b180b38","slug":"omicron-variant-world-health-organization-latest-report-revealed-not-a-single-death-has-been-registered-so-far-from-new-strain-of-coronavirus","type":"story","status":"publish","title_hn":"47 देशों में फैला ओमिक्रॉन: एक्सपर्ट्स का दावा- इस वैरिएंट पर कारगर है वैक्सीन, नए म्यूटेंट से अभी तक एक भी मौत नहीं","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
47 देशों में फैला ओमिक्रॉन: एक्सपर्ट्स का दावा- इस वैरिएंट पर कारगर है वैक्सीन, नए म्यूटेंट से अभी तक एक भी मौत नहीं
चंडीगढ़ पीजीआई के मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अरुणलोक चक्रवर्ती कहते हैं कि डेल्टा वैरिएंट निश्चित तौर पर ज्यादा खतरनाक था। उनके मुताबिक जिस तेजी से यह म्यूटेंट लोगों को दक्षिण अफ्रीका में संक्रमित कर रहा है, भारत में उसी तेजी से डेल्टा वैरिएंट ने लोगों को न सिर्फ संक्रमित करना शुरू किया था, बल्कि मौतों की संख्या भी बढ़ने लगी थी...
डॉ. समीरन पांडा
- फोटो : Amar Ujala (File Photo)
विज्ञापन
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
दुनिया के 47 देशों में ओमिक्रॉन वैरिएंट पहुंच चुका है। दक्षिण अफ्रीका में तो अचानक कोविड-19 मरीजों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। लेकिन राहत की बात यह है कि इस वैरिएंट से अभी तक एक भी मौत नहीं हुई है। आईसीएमआर के वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी तक के मामलों को देखते हुए इस बात का आकलन किया जा रहा है कि यह वैरिएंट फैल तो तेजी से रहा है, लेकिन बहुत खतरनाक नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्वरूप से बचने के लिए टीकाकरण और एहतियात ही कारगर है।
ज्यादा खतरनाक नहीं है ओमिक्रॉन - डॉ समीरन पांडा
ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर जारी हुई विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों की एक रिपोर्ट बहुत राहत भरी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के कई मुल्कों में कोरोना के बदले हुए स्वरूप ओमिक्रॉन के मामले लगातार मिल रहे हैं। लेकिन इस बदले हुए स्वरूप की वजह से अब तक एक भी मौत दर्ज नहीं हुई है। आईसीएमआर के मुख्य महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर समीरन पांडा कहते हैं कि यह बात लगातार बताई जा रही है कि इस म्यूटेंट से डरने की जरूरत नहीं है। हालांकि उनका कहना है कि इसकी गंभीरता और इसके फैलने की क्षमता को लेकर अभी तमाम तरीके के शोध किए जा रहे हैं। प्राथमिक शोध और दक्षिण अफ्रीका में मिले मरीज और उनकी स्थिति को पूरी दुनिया देख रही है। डॉक्टर पांडा के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका के मरीजों की स्थिति को देखने के बाद प्रथम दृष्टया इसी बात का आकलन किया जा रहा है कि यह वैरिएंट लोगों को ज्यादा से ज्यादा चपेट में लेता है, लेकिन न तो ज्यादा अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आई है और न ही इससे मृत्यु के मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। वे कहते हैं, वायरस के बदले हुए स्वरूप से पैदा हुए भय के माहौल में यह एक बहुत ही सकारात्मक पहलू है।
डेल्टा से कम खतरनाक है ओमिक्रॉन
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुख्य महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर समीरन पांडा के मुताबिक साउथ अफ्रीका में बीते डेढ़ सप्ताह के भीतर मरीजों की संख्या में तो इजाफा हुआ है, लेकिन यह खतरनाक स्थिति नहीं है। चंडीगढ़ पीजीआई के मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अरुणलोक चक्रवर्ती कहते हैं कि डेल्टा वैरिएंट निश्चित तौर पर ज्यादा खतरनाक था। उनके मुताबिक जिस तेजी से यह म्यूटेंट लोगों को दक्षिण अफ्रीका में संक्रमित कर रहा है, भारत में उसी तेजी से डेल्टा वैरिएंट ने लोगों को न सिर्फ संक्रमित करना शुरू किया था, बल्कि मौतों की संख्या भी बढ़ने लगी थी। उनका कहना है कि दक्षिण अफ्रीका के मरीज और उनकी स्थिति पर नजर बनी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और मेडिकल एसोसिएशन के माध्यम से मिल रही जानकारियों से इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट फिलहाल उस स्तर तक घातक नहीं हुआ है, जितना कि डेल्टा था। वह कहते हैं कि हालांकि अभी इस पर शोध चल रहा है कि क्या आने वाले निकट भविष्य में यह वायरस का बदला हुआ म्यूटेंट खतरनाक होगा या नहीं।
कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें - स्वास्थ्य मंत्रालय
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की हाल में हुई बैठक में ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर चर्चा की गई। इस बैठक में शामिल स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को इस बात का अंदाजा है कि देश में इस बदले हुए नए स्वरूप से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ेगी। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आईसीएमआर द्वारा तय की गई गाइडलाइंस को अपनाने के लिए सभी राज्यों को सख्त निर्देश दिए हैं। इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा ट्रैकिंग और ट्रैसिंग के अलावा जांच के निर्देश भी दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक उनकी पूरी कोशिश है कि भारत में वायरस के इस बदले हुए स्वरूप का कम्युनिटी ट्रांसमिशन रोका जाए। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोविड से बचाव के लिए दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।
किन देशों में फैला ओमिक्रॉन?
दक्षिण अफ्रीका, भारत, संयुक्त अरब अमीरात, रूस, नामीबिया, नेपाल, थाईलैंड, क्रोएशिया, अर्जेंटीना, श्रीलंका, चेक गणराज्य, डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, कनाडा, मलयेशिया, सिंगापुर, सेनेगल, बोत्सवाना, मेक्सिको, नीदरलैंड, हांगकांग, इस्राइल, बेल्जियम, ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, स्पेन, पुर्तगाल, जापान, फ्रांस, घाना, दक्षिण कोरिया, नाइजीरिया, ब्राजील, नॉर्वे, अमेरिका, सऊदी अरब, आयरलैंड जैसे देशों में ओमिक्रॉन के मामले सामने आए हैं।
विस्तार
दुनिया के 47 देशों में ओमिक्रॉन वैरिएंट पहुंच चुका है। दक्षिण अफ्रीका में तो अचानक कोविड-19 मरीजों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। लेकिन राहत की बात यह है कि इस वैरिएंट से अभी तक एक भी मौत नहीं हुई है। आईसीएमआर के वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी तक के मामलों को देखते हुए इस बात का आकलन किया जा रहा है कि यह वैरिएंट फैल तो तेजी से रहा है, लेकिन बहुत खतरनाक नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्वरूप से बचने के लिए टीकाकरण और एहतियात ही कारगर है।
विज्ञापन
ज्यादा खतरनाक नहीं है ओमिक्रॉन - डॉ समीरन पांडा
ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर जारी हुई विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों की एक रिपोर्ट बहुत राहत भरी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के कई मुल्कों में कोरोना के बदले हुए स्वरूप ओमिक्रॉन के मामले लगातार मिल रहे हैं। लेकिन इस बदले हुए स्वरूप की वजह से अब तक एक भी मौत दर्ज नहीं हुई है। आईसीएमआर के मुख्य महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर समीरन पांडा कहते हैं कि यह बात लगातार बताई जा रही है कि इस म्यूटेंट से डरने की जरूरत नहीं है। हालांकि उनका कहना है कि इसकी गंभीरता और इसके फैलने की क्षमता को लेकर अभी तमाम तरीके के शोध किए जा रहे हैं। प्राथमिक शोध और दक्षिण अफ्रीका में मिले मरीज और उनकी स्थिति को पूरी दुनिया देख रही है। डॉक्टर पांडा के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका के मरीजों की स्थिति को देखने के बाद प्रथम दृष्टया इसी बात का आकलन किया जा रहा है कि यह वैरिएंट लोगों को ज्यादा से ज्यादा चपेट में लेता है, लेकिन न तो ज्यादा अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आई है और न ही इससे मृत्यु के मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। वे कहते हैं, वायरस के बदले हुए स्वरूप से पैदा हुए भय के माहौल में यह एक बहुत ही सकारात्मक पहलू है।
डेल्टा से कम खतरनाक है ओमिक्रॉन
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुख्य महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर समीरन पांडा के मुताबिक साउथ अफ्रीका में बीते डेढ़ सप्ताह के भीतर मरीजों की संख्या में तो इजाफा हुआ है, लेकिन यह खतरनाक स्थिति नहीं है। चंडीगढ़ पीजीआई के मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अरुणलोक चक्रवर्ती कहते हैं कि डेल्टा वैरिएंट निश्चित तौर पर ज्यादा खतरनाक था। उनके मुताबिक जिस तेजी से यह म्यूटेंट लोगों को दक्षिण अफ्रीका में संक्रमित कर रहा है, भारत में उसी तेजी से डेल्टा वैरिएंट ने लोगों को न सिर्फ संक्रमित करना शुरू किया था, बल्कि मौतों की संख्या भी बढ़ने लगी थी। उनका कहना है कि दक्षिण अफ्रीका के मरीज और उनकी स्थिति पर नजर बनी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और मेडिकल एसोसिएशन के माध्यम से मिल रही जानकारियों से इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट फिलहाल उस स्तर तक घातक नहीं हुआ है, जितना कि डेल्टा था। वह कहते हैं कि हालांकि अभी इस पर शोध चल रहा है कि क्या आने वाले निकट भविष्य में यह वायरस का बदला हुआ म्यूटेंट खतरनाक होगा या नहीं।
कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें - स्वास्थ्य मंत्रालय
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की हाल में हुई बैठक में ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर चर्चा की गई। इस बैठक में शामिल स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को इस बात का अंदाजा है कि देश में इस बदले हुए नए स्वरूप से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ेगी। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आईसीएमआर द्वारा तय की गई गाइडलाइंस को अपनाने के लिए सभी राज्यों को सख्त निर्देश दिए हैं। इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा ट्रैकिंग और ट्रैसिंग के अलावा जांच के निर्देश भी दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक उनकी पूरी कोशिश है कि भारत में वायरस के इस बदले हुए स्वरूप का कम्युनिटी ट्रांसमिशन रोका जाए। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोविड से बचाव के लिए दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।
किन देशों में फैला ओमिक्रॉन?
दक्षिण अफ्रीका, भारत, संयुक्त अरब अमीरात, रूस, नामीबिया, नेपाल, थाईलैंड, क्रोएशिया, अर्जेंटीना, श्रीलंका, चेक गणराज्य, डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, कनाडा, मलयेशिया, सिंगापुर, सेनेगल, बोत्सवाना, मेक्सिको, नीदरलैंड, हांगकांग, इस्राइल, बेल्जियम, ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, स्पेन, पुर्तगाल, जापान, फ्रांस, घाना, दक्षिण कोरिया, नाइजीरिया, ब्राजील, नॉर्वे, अमेरिका, सऊदी अरब, आयरलैंड जैसे देशों में ओमिक्रॉन के मामले सामने आए हैं।
Link Copied
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।