न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रशांत कुमार झा
Updated Sat, 14 Aug 2021 12:49 PM IST
स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे मनाने का एलान किया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए जान गंवाने वाले शूरवीरों को याद किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया "देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी।' पीएम मोदी ने अगले ट्वीट में लिखा कि यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी।
बंटवारे के बाद दंगों में लाखों जानें गईं
भारत को 15 अगस्त 1947 के दिन आजादी मिली थी, हालांकि, इसके लिए देश को भारी कीमत चुकानी पड़ी थी। 14 अगस्त को भारत और पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गए थे। 15 अगस्त की सुबह भी ट्रेनों, घोड़े-खच्चर और पैदल लोग अपनी मातृभूमि से दूसरे देश जा रहे थे। पाकिस्तान से हिंदुस्तान और हिंदुस्तान से पाकिस्तान आने वालों के चेहरों से सारे रंग गायब थे। बताया जाता है कि बंटवारे के दौरान दोनों तरफ भड़के दंगे और हिंसा में लाखों लोगों की जान चली गईं। कुछ रिपोर्ट्स में यह आंकड़ा 20 लाख तक भी बताया गया है।
जेपी नड्डा ने पीएम मोदी को किया धन्यवाद
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि विभाजन के दंश से प्रभावित लोगों के संघर्ष व बलिदान की स्मृति में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 14 अगस्त को “विभाजन स्मृति दिवस” के रूप में मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लेने के लिए ह्रदय से धन्यवाद है। नड्डा ने कहा कि विभाजन से उत्पन्न परिस्थितियों ने तुष्टिकरण की राजनीति और नकारात्मक शक्तियों को हावी होने का मौक़ा दिया। हमें इतिहास से सीख लेकर यह सुनिश्चित करना चाहिये कि यह गलती कभी दोहरायी न जाए। क्योंकि जो इतिहास से नहीं सीखते है, उन्हें बार-बार कष्ट सहने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
विस्तार
स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे मनाने का एलान किया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए जान गंवाने वाले शूरवीरों को याद किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया "देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी।' पीएम मोदी ने अगले ट्वीट में लिखा कि यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी।
बंटवारे के बाद दंगों में लाखों जानें गईं
भारत को 15 अगस्त 1947 के दिन आजादी मिली थी, हालांकि, इसके लिए देश को भारी कीमत चुकानी पड़ी थी। 14 अगस्त को भारत और पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गए थे। 15 अगस्त की सुबह भी ट्रेनों, घोड़े-खच्चर और पैदल लोग अपनी मातृभूमि से दूसरे देश जा रहे थे। पाकिस्तान से हिंदुस्तान और हिंदुस्तान से पाकिस्तान आने वालों के चेहरों से सारे रंग गायब थे। बताया जाता है कि बंटवारे के दौरान दोनों तरफ भड़के दंगे और हिंसा में लाखों लोगों की जान चली गईं। कुछ रिपोर्ट्स में यह आंकड़ा 20 लाख तक भी बताया गया है।
जेपी नड्डा ने पीएम मोदी को किया धन्यवाद
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि विभाजन के दंश से प्रभावित लोगों के संघर्ष व बलिदान की स्मृति में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 14 अगस्त को “विभाजन स्मृति दिवस” के रूप में मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लेने के लिए ह्रदय से धन्यवाद है। नड्डा ने कहा कि विभाजन से उत्पन्न परिस्थितियों ने तुष्टिकरण की राजनीति और नकारात्मक शक्तियों को हावी होने का मौक़ा दिया। हमें इतिहास से सीख लेकर यह सुनिश्चित करना चाहिये कि यह गलती कभी दोहरायी न जाए। क्योंकि जो इतिहास से नहीं सीखते है, उन्हें बार-बार कष्ट सहने के लिए मजबूर होना पड़ता है।