प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 नवंबर को पांचवें आयुर्वेद दिवस के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दो आयुर्वेद संस्थानों का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के जामनगर में आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) का और राजस्थान के जयपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) का उद्घाटन करेंगे।
पीएमओ की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘इन संस्थानों से 21वीं सदी में आयुर्वेद की प्रगति और विकास में विश्व में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने की उम्मीद की जाती है।’ गौरतलब है कि साल 2016 से प्रति वर्ष धन्वंतरि जयंती को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष यह 13 नवंबर को है।
बयान में कहा गया कि आयुर्वेदिक दिवस उत्सव या पर्व से अधिक व्यवसाय और समाज के प्रति पुनर्समर्पण का अवसर है। बयान में कहा गया है, ‘कोविड-19 महामारी के प्रबंधन में आयुर्वेद की संभावित भूमिका इस वर्ष आयुर्वेद दिवस के आयोजन के केंद्र में रहेगी।’
बयान के मुताबिक भारत में जन स्वास्थ्य की चुनौतियों के लिए प्रभावी और सस्ते समाधान उपलब्ध कराने में आयुष स्वास्थ्य पद्धतियों की अभी तक उपयोग में नहीं आ सकी संभावनाओं का दोहन करना सरकार की प्राथमिकता है।
जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान को मानद विश्वविद्यालय का दर्जा देंगे पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को एक डिजिटल कार्यक्रम में जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेदिक संस्थान को डीम्ड (मानद) विश्वविद्यालय का दर्जा देंगे। कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केन्द्रीय आयुष मंत्री श्रीपद यशो नायक के साथ विभिन्न अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में राजस्थान के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान को मानद विश्वविद्यालय की उपाधि दिए जाने के साथ जामनगर स्थित गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय को भी राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देंगे। करीब 175 वर्ष पुराने इस संस्थान को मानद उपाधि दिए जाने के साथ ही उसे शैक्षिक स्वायत्तता प्राप्त होगी।
राष्ट्रीय आयुर्वेदिक संस्थान के निदेशक प्रोफेसर संजीव शर्मा ने बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि यह संस्थान आयुष मंत्रालय के तहत देश का प्रथम संस्थान है जिसे मानद विश्वविद्यालय की उपाधि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इससे 175 वर्ष पुराने इस संस्थान में नए पाठ्यक्रमों और नयी गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 नवंबर को पांचवें आयुर्वेद दिवस के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दो आयुर्वेद संस्थानों का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के जामनगर में आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) का और राजस्थान के जयपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) का उद्घाटन करेंगे।
पीएमओ की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘इन संस्थानों से 21वीं सदी में आयुर्वेद की प्रगति और विकास में विश्व में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने की उम्मीद की जाती है।’ गौरतलब है कि साल 2016 से प्रति वर्ष धन्वंतरि जयंती को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष यह 13 नवंबर को है।
बयान में कहा गया कि आयुर्वेदिक दिवस उत्सव या पर्व से अधिक व्यवसाय और समाज के प्रति पुनर्समर्पण का अवसर है। बयान में कहा गया है, ‘कोविड-19 महामारी के प्रबंधन में आयुर्वेद की संभावित भूमिका इस वर्ष आयुर्वेद दिवस के आयोजन के केंद्र में रहेगी।’
बयान के मुताबिक भारत में जन स्वास्थ्य की चुनौतियों के लिए प्रभावी और सस्ते समाधान उपलब्ध कराने में आयुष स्वास्थ्य पद्धतियों की अभी तक उपयोग में नहीं आ सकी संभावनाओं का दोहन करना सरकार की प्राथमिकता है।
जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान को मानद विश्वविद्यालय का दर्जा देंगे पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को एक डिजिटल कार्यक्रम में जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेदिक संस्थान को डीम्ड (मानद) विश्वविद्यालय का दर्जा देंगे। कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केन्द्रीय आयुष मंत्री श्रीपद यशो नायक के साथ विभिन्न अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में राजस्थान के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान को मानद विश्वविद्यालय की उपाधि दिए जाने के साथ जामनगर स्थित गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय को भी राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देंगे। करीब 175 वर्ष पुराने इस संस्थान को मानद उपाधि दिए जाने के साथ ही उसे शैक्षिक स्वायत्तता प्राप्त होगी।
राष्ट्रीय आयुर्वेदिक संस्थान के निदेशक प्रोफेसर संजीव शर्मा ने बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि यह संस्थान आयुष मंत्रालय के तहत देश का प्रथम संस्थान है जिसे मानद विश्वविद्यालय की उपाधि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इससे 175 वर्ष पुराने इस संस्थान में नए पाठ्यक्रमों और नयी गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकेगा।