मुंबई के साकीनाका दुष्कर्म व हत्या केस में मुंबई पुलिस की किरकिरी के बीच पुलिस कमिश्नर के बयान ने भी विवाद पैदा कर दिया। अब उन्होंने इसे लेकर अपनी सफाई पेश की है। बता दें कि मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले ने कहा था कि पुलिस हर अपराध स्थल पर मौजूद नहीं रह सकती।
आज उन्होंने कहा कि मेरे बयान का कुछ लोगों ने गलत अर्थ निकाला है। मैं कहना चाहता हूं कि पुलिस हर जगह पहुंच सकती है। तब मैंने कहा था कि पुलिस हर जगह मौजूद नहीं रह सकती और ये हकीकत है। लेकिन पहुंच जरूर सकती है और हम 10 मिनट के भीतर पहुंच भी गए थे। मैं अपने पुराने बयान पर कायम हूं।
पीड़िता के परिवार को 20 लाख का मुआवजा
हेमंत नगराले ने कहा कि इस क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (CCTNS) के मुताबिक अभी तक आरोपी का महाराष्ट्र में कोई भी क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं मिला है। हम उत्तर प्रदेश में उसे आपराधिक रिकॉर्ड की छानबीन कर रहे हैं। इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने पीड़ित के परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का एलान किया है।
आरोपी चौहान ने कुबूला अपना गुनाह, एट्रॉसिटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज
आरोपी मोहन चौहान ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया है। पीड़िता के अनुसूचित जाति का होने के चलते आरोपी के खिलाफ एट्रॉसिटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने सोमवार को बताया कि आरोपी ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म और हत्या करने का गुनाह कुबूल कर लिया है। पुलिस ने उस धारदार हथियार को भी जब्त कर लिया है जिससे पीड़िता पर हमला किया गया था। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर पीड़िता कब पहुंची और दोनों के बीच क्या विवाद हुआ और उसके बाद आरोपी कैसे फरार हुआ, इसकी पूरी जानकारी मिली है। मामला बेहद संवेदनशील है, इसलिए इस मामले की पैरवी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता राजा ठाकरे को नियुक्त करने का फैसला किया गया है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चित्रलेखा देवी की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया। पीड़िता के परिवार से मिलने के बाद पुलिस से भी मामले की विस्तृत जानकारी हासिल की। उधर, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल, स्थानीय विधायक, मुख्य सचिव व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक हुई जिसमें इस घटना में पुलिस की जांच की सराहना की गई। नागराले ने बताया कि पीड़िता की तीन लड़कियां हैं। उनकी देखभाल के लिए शासन स्तर पर विभिन्न योजनाओं का लाभ दिए जाने का फैसला किया गया है।
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मुंबई के साकीनाका दुष्कर्म व हत्या केस में मुंबई पुलिस की किरकिरी के बीच पुलिस कमिश्नर के बयान ने भी विवाद पैदा कर दिया। अब उन्होंने इसे लेकर अपनी सफाई पेश की है। बता दें कि मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले ने कहा था कि पुलिस हर अपराध स्थल पर मौजूद नहीं रह सकती।
आज उन्होंने कहा कि मेरे बयान का कुछ लोगों ने गलत अर्थ निकाला है। मैं कहना चाहता हूं कि पुलिस हर जगह पहुंच सकती है। तब मैंने कहा था कि पुलिस हर जगह मौजूद नहीं रह सकती और ये हकीकत है। लेकिन पहुंच जरूर सकती है और हम 10 मिनट के भीतर पहुंच भी गए थे। मैं अपने पुराने बयान पर कायम हूं।
पीड़िता के परिवार को 20 लाख का मुआवजा
हेमंत नगराले ने कहा कि इस क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (CCTNS) के मुताबिक अभी तक आरोपी का महाराष्ट्र में कोई भी क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं मिला है। हम उत्तर प्रदेश में उसे आपराधिक रिकॉर्ड की छानबीन कर रहे हैं। इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने पीड़ित के परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का एलान किया है।
आरोपी चौहान ने कुबूला अपना गुनाह, एट्रॉसिटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज
आरोपी मोहन चौहान ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया है। पीड़िता के अनुसूचित जाति का होने के चलते आरोपी के खिलाफ एट्रॉसिटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने सोमवार को बताया कि आरोपी ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म और हत्या करने का गुनाह कुबूल कर लिया है। पुलिस ने उस धारदार हथियार को भी जब्त कर लिया है जिससे पीड़िता पर हमला किया गया था। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर पीड़िता कब पहुंची और दोनों के बीच क्या विवाद हुआ और उसके बाद आरोपी कैसे फरार हुआ, इसकी पूरी जानकारी मिली है। मामला बेहद संवेदनशील है, इसलिए इस मामले की पैरवी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता राजा ठाकरे को नियुक्त करने का फैसला किया गया है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चित्रलेखा देवी की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया। पीड़िता के परिवार से मिलने के बाद पुलिस से भी मामले की विस्तृत जानकारी हासिल की। उधर, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल, स्थानीय विधायक, मुख्य सचिव व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक हुई जिसमें इस घटना में पुलिस की जांच की सराहना की गई। नागराले ने बताया कि पीड़िता की तीन लड़कियां हैं। उनकी देखभाल के लिए शासन स्तर पर विभिन्न योजनाओं का लाभ दिए जाने का फैसला किया गया है।