जम्मू-कश्मीर की पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि तालिबान अब एक हकीकत बन चुका है। अपने इस बयान के बाद से सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा उन्हें कई तरह की बातें कही जा रही है और कमेंट्स के जरिए उनके इस बयान पर रोष व्यक्त किया जा रहा है।
उन्होंने कहा था कि तालिबान को 'असली शरिया' कानून के तहत अफगानिस्तान पर शासन करना चाहिए। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी पहले की छवि मानवता और बुनियादी अधिकारों के खिलाफ थी। महबूबा ने कहा कि अगर तालिबानी अफगानिस्तान पर शासन करना चाहते हैं, तो उन्हें वास्तविक शरिया नियमों का पालन करना चाहिए।
जिसमें महिलाओं के अधिकार शामिल हैं न कि शरिया को लेकर उनकी व्याख्या। उन्होंने कहा कि अगर तालिबानी वही करते हैं जो उन्होंने 90 के दशक में किया था, तो यह न केवल अफगानिस्तान के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी मुश्किल होगा।
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सोशल मीडिया पर निरंजन कुमार का कहना है कि देश के खिलाफ बोलने वालों के लिए तिरंगे के नीचे कोई जगह नहीं है। महबूबा और अब्दुल्ला तालिबानी झंडे के नीचे अपनी जिंदगी बिता सकते हैं। इन दोनों ने शुरू से आतंक के सिर पर चढ़कर सरकार बनाई है और इन्हें आतंकियों की सरकार ही पसंद है।
आरूषा राठौड़ का कहना है कि
इस देश में क्या हो रहा है हिन्दू दलित मुस्लिम करके खुद हिन्दू से लड़ रहा है, मुसलमान शरिया, सुन्नी मुस्लिम करके अपने आप से लड़ रहे है ओर जो नफरत की राजनीति करने वाले हैं, वो इस आग में अपनी रोटियां सेंक रहे है, आज लोगो को आपसी सामंजस्य की बेहद जरूरत है।
नव्यांजलि का कहना है कि आप (पैक्सटन की महबूबा) और आपका परिवार तालिबान के तहत "सुशासन" का आनंद लेने के लिए भारत छोड़कर अफगानिस्तान में क्यों नहीं बस जाते। यह 100% हलाल प्रमाणित सरकार है।
द थर्ड आई नाम से एक यूजर ने कहा है कि देशद्रोही हमेशा देशद्रोही है। इसमें कोई शक नहीं। मैं अनुरोध करूंगा @नरेंद्र मोदी से कि वह महबूबा मुफ्ती को अफगानिस्तान भेज दें। ताकि वह तालिबान शासन के तहत अफगान महिलाओं के अधिकारों के लिए रास्ता और मदद/लड़ाई का नेतृत्व कर सके।
सिवाराम प्रतापा का कहना है कि मेरा अनुरोध है @ महबूबा मुफ्ती जी से कि वह काबुल के लिए उड़ान भरें और तालिबान के साथ अपने प्रशासन के अनुभव को साझा करें। वैसे भी वो आज़ाद है और कश्मीर में इंटरव्यू देने के अलावा कुछ काम नहीं है उनके पास।
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जम्मू-कश्मीर की पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि तालिबान अब एक हकीकत बन चुका है। अपने इस बयान के बाद से सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा उन्हें कई तरह की बातें कही जा रही है और कमेंट्स के जरिए उनके इस बयान पर रोष व्यक्त किया जा रहा है।
उन्होंने कहा था कि तालिबान को 'असली शरिया' कानून के तहत अफगानिस्तान पर शासन करना चाहिए। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी पहले की छवि मानवता और बुनियादी अधिकारों के खिलाफ थी। महबूबा ने कहा कि अगर तालिबानी अफगानिस्तान पर शासन करना चाहते हैं, तो उन्हें वास्तविक शरिया नियमों का पालन करना चाहिए।
जिसमें महिलाओं के अधिकार शामिल हैं न कि शरिया को लेकर उनकी व्याख्या। उन्होंने कहा कि अगर तालिबानी वही करते हैं जो उन्होंने 90 के दशक में किया था, तो यह न केवल अफगानिस्तान के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी मुश्किल होगा।
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