जम्मू-कश्मीर को लद्दाख से जोड़ने वाले जोजिला दर्रे पर एशिया की सबसे लंबी रोड टनल की खोदाई का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। टनल को सितंबर 2026 तक तैयार करने का लक्ष्य है। खून जमा जमा देने वाली ठंड के बीच 1581 मीटर तक टनल को खोद लिया गया है। माइनस 30 तक गिर रहे तापमान के बीच निर्माण अमले के जोश में कमी नहीं आई है। कुल 14.150 किलोमीटर लंबी टनल है, जिसमें भारतीय और जर्मन मशीनों से टनल की ड्रिलिंग लगातार जारी है। दो प्रदेशों के बीच बारह महीने रोड कनेक्टिविटी समेत यह टनल पाकिस्तान और चीन बॉर्डर तक सेना की पहुंच के लिए भी सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण परियोजना है।
नेशनल हाइवेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (एनआईएचडीसीएल) के एक अधिकारी ने बताया कि मीनामर्ग की तरफ और बालटाल की तरफ से एक साथ खोदाई चल रही है। बर्फबारी होने पर भी निर्माण कार्य प्रभावित नहीं हुआ है। सुरंग स्थल पर ही सेटअप स्थापित किया गया है, जिससे काम करना आसान हो गया है। वहीं, मेघा इंजीनियरिंग के परियोजना प्रभारी हरपाल सिंह ने कहा कि इस साल बीते वर्ष की तुलना में निर्माण जारी रखने के लिए बेहतर तैयारी की गई है। सुरंग की खोदाई (ड्रिलिंग) के लिए स्थानीय मशीनरी के साथ जर्मन मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है।
समुद्र की सतह से 3528 मीटर की ऊंचाई पर बर्फबारी और बर्फीले तूफान के बावजूद जोजिला दर्रा मार्ग से जुड़ी दो अन्य सुरंगों नीलग्रार 1ए और 2ए का काम भी तेजी से जारी है। वर्तमान में इस इलाके में काफी अधिक बर्फबारी हुई है और तापमान भी माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, लेकिन निर्माण कार्य बंद नहीं हुआ। इस परियोजना में तीन सुरंग, चार पुल, बर्फ से बचने के लिए शिविर, कल्वर्ट, कैच डैम, डिफ्लेक्टर डैम और कट एंड कवर टनल शामिल हैं।
जेड मोड़ और जोजिला सुरंग निर्माण के लिए भूमि हस्तांतरण संबंधी सभी औपचारिकताओं को समय से पूरा किया गया था। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण दोनों सुरंगों का काम निर्बाध चल रहा है।
-विंग कमांडर (रि) आलोक सक्सेना, महाप्रबंधक-भूमि अधिग्रहण, एनआईएचडीसीएल
दिसंबर 2023 में तैयार होगी जेड मोड़ टनल
श्रीनगर-लेह हाईवे पर बन रही दूसरी महत्वपूर्ण जेड मोड़ टनल का काम भी रफ्तार से जारी है। इस सुरंग और साथ लगती एप्रोच सड़क को दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। 6412 मीटर लंबी मुख्य टनल के दोनों सिरों को निर्माण कंपनी एपको लिमिटेड ने निर्धारित लक्ष्य तिथि 22 सितंबर 2021 से पूर्व ही 16 जून 2021 को मिला दिया था।
अहम बातें...
- जोजिला टनल का निर्माण कार्य 1 अक्तूबर 2020 को शुरू हुआ था
- परियोजना में टनल और एप्रोच सड़क को मिलाकर कुल लंबाई 32.624 किलोमीटर है। जो दो हिस्सों में बंटा हुई है। दो चरणों में काम चल रहा है।
- पहला चरण एप्रोच रोड है जिसकी लंबाई 18,714 किलोमीटर है और दूसरे चरण में 14.150 किलोमीटर लंबी टनल है।
- पहले चरण में नीलग्रार एक और नीलग्रार दो टनल हैं जिन्हें क्रमश: 468 और 1179 मीटर लंबाई का कार्य पूरा हो चुका है।
विस्तार
जम्मू-कश्मीर को लद्दाख से जोड़ने वाले जोजिला दर्रे पर एशिया की सबसे लंबी रोड टनल की खोदाई का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। टनल को सितंबर 2026 तक तैयार करने का लक्ष्य है। खून जमा जमा देने वाली ठंड के बीच 1581 मीटर तक टनल को खोद लिया गया है। माइनस 30 तक गिर रहे तापमान के बीच निर्माण अमले के जोश में कमी नहीं आई है। कुल 14.150 किलोमीटर लंबी टनल है, जिसमें भारतीय और जर्मन मशीनों से टनल की ड्रिलिंग लगातार जारी है। दो प्रदेशों के बीच बारह महीने रोड कनेक्टिविटी समेत यह टनल पाकिस्तान और चीन बॉर्डर तक सेना की पहुंच के लिए भी सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण परियोजना है।
नेशनल हाइवेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (एनआईएचडीसीएल) के एक अधिकारी ने बताया कि मीनामर्ग की तरफ और बालटाल की तरफ से एक साथ खोदाई चल रही है। बर्फबारी होने पर भी निर्माण कार्य प्रभावित नहीं हुआ है। सुरंग स्थल पर ही सेटअप स्थापित किया गया है, जिससे काम करना आसान हो गया है। वहीं, मेघा इंजीनियरिंग के परियोजना प्रभारी हरपाल सिंह ने कहा कि इस साल बीते वर्ष की तुलना में निर्माण जारी रखने के लिए बेहतर तैयारी की गई है। सुरंग की खोदाई (ड्रिलिंग) के लिए स्थानीय मशीनरी के साथ जर्मन मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है।
समुद्र की सतह से 3528 मीटर की ऊंचाई पर बर्फबारी और बर्फीले तूफान के बावजूद जोजिला दर्रा मार्ग से जुड़ी दो अन्य सुरंगों नीलग्रार 1ए और 2ए का काम भी तेजी से जारी है। वर्तमान में इस इलाके में काफी अधिक बर्फबारी हुई है और तापमान भी माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, लेकिन निर्माण कार्य बंद नहीं हुआ। इस परियोजना में तीन सुरंग, चार पुल, बर्फ से बचने के लिए शिविर, कल्वर्ट, कैच डैम, डिफ्लेक्टर डैम और कट एंड कवर टनल शामिल हैं।
जेड मोड़ और जोजिला सुरंग निर्माण के लिए भूमि हस्तांतरण संबंधी सभी औपचारिकताओं को समय से पूरा किया गया था। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण दोनों सुरंगों का काम निर्बाध चल रहा है।
-विंग कमांडर (रि) आलोक सक्सेना, महाप्रबंधक-भूमि अधिग्रहण, एनआईएचडीसीएल
दिसंबर 2023 में तैयार होगी जेड मोड़ टनल
श्रीनगर-लेह हाईवे पर बन रही दूसरी महत्वपूर्ण जेड मोड़ टनल का काम भी रफ्तार से जारी है। इस सुरंग और साथ लगती एप्रोच सड़क को दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। 6412 मीटर लंबी मुख्य टनल के दोनों सिरों को निर्माण कंपनी एपको लिमिटेड ने निर्धारित लक्ष्य तिथि 22 सितंबर 2021 से पूर्व ही 16 जून 2021 को मिला दिया था।
अहम बातें...
- जोजिला टनल का निर्माण कार्य 1 अक्तूबर 2020 को शुरू हुआ था
- परियोजना में टनल और एप्रोच सड़क को मिलाकर कुल लंबाई 32.624 किलोमीटर है। जो दो हिस्सों में बंटा हुई है। दो चरणों में काम चल रहा है।
- पहला चरण एप्रोच रोड है जिसकी लंबाई 18,714 किलोमीटर है और दूसरे चरण में 14.150 किलोमीटर लंबी टनल है।
- पहले चरण में नीलग्रार एक और नीलग्रार दो टनल हैं जिन्हें क्रमश: 468 और 1179 मीटर लंबाई का कार्य पूरा हो चुका है।