जेल विभाग के डीजी हेमंत कुमार लोहिया के हेल्पर रहे यासिर लोहार निवासी रामबन ने स्वीकार किया है कि उसने ही डीजीपी की हत्या की है। हत्या करने के पीछे उद्देश्य पुलिस ने फिलहाल नहीं बताया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि यासिर ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि वह नौकरी न मिलने से आहत था। इस वजह से डीजीपी की हत्या कर दी।
यह भी बताया जा रहा है कि यासिर लोहिया का हेल्पर बनने से पहले एक आईएएस अधिकारी के घर 4 साल तक हेल्पर के तौर पर काम करता था। कुछ समय पहले उक्त अधिकारी ने इसे निकाल दिया था। इसके बाद यासिर को एक और बड़े अधिकारी के पास रखने की सिफारिश की गई थी। लेकिन उक्त अधिकारी ने मना कर दिया। बाद में यासिर को डीजीपी जेल हेमंत लोहिया के पास रखा गया।
जानकारी के अनुसार आरोपी यासिर को पुलिस ने 7 दिन की रिमांड पर भी लिया है। बता दें कि जेल विभाग के डीजीपी सोमवार को अपने दोस्त राजीव खजुरिया के उदयवाला स्थित घर में गए हुए थे। यहां पर उनके हेल्पर यासिर ने टोके से गले पर वार किया था। इसमें डीजी की मौत हो गई और आरोपी मौके से फरार हो गया था। पुलिस की जांच में अब तक यहीं सामने आया है कि आरोपी यासिर व्यवहार का काफी आक्रामक था।
DG Jail Lohia Murder: आरोपी यासीर ने की खुदकुशी की कोशिश, बेल्ट का फंदा लगाया लेकिन वह टूट गई इसलिए बच गया
जांच में आतंकी कनेक्शन नहीं आया है सामने- एडीजीपी
एडीजीपी मुकेश सिंह का कहना है कि आरोपी यासिर ने कबूल किया है कि उसने ही डीजीपी की हत्या की है। इसके पीछे उद्देश्य क्या है। इसके बारे में जल्द ही बताएंगे। एडीजीपी का कहना है कि अब तक की जांच में इस मामले में किसी तरह के आतंकी कनेक्शन सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि आरोपी से पूछताछ जारी है। उसने जो कुछ भी बताया है, इसका जल्द ही विवरण देंगे।
फूट-फूटकर रोने लगी मां: कहा- बेटे ने किसी का क्या बिगाड़ा था, डीजीपी जेल लोहिया का जम्मू में अंतिम संस्कार
जेल विभाग के महानिदेशक (डीजी) हेमंत कुमार लोहिया का बुधवार को सम्मान के साथ जोगी गेट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। हेमंत के बेटे अनिकेत ने पिता को मुखाग्नि दी। पुलिस, प्रशासन और गणमान्य लोग मौजूद रहे। इससे पहले जिला पुलिस लाइन में लोहिया को श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर परिवार के सदस्य मौजूद रहे। अंतिम संस्कार शुरू होने के दौरान उनके परिजनों में चीख पुकार मच गई।