शेर-ए-कश्मीर कृषि एवं तकनीकी विज्ञान विश्वविद्यालय(स्कास्ट जे) में गुरुवार को कृषि मेले का रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ आगाज हुआ। इस दौरान कलाकारों ने मेले में समा बांध दिया। कई पशुुओं ने भी करतब दिखाए। खेलकूद का आयोजन भी किया गया। इसमें स्थानीय खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। मेले का उद्घाटन केंद्रीय पशुपालन मंत्री परशोतम रुपाला ने किया। इसमें 200 से अधिक स्टाल लगाए हैं, जिसमें प्रदेश के वैज्ञानिकों और किसानों के उत्पाद शामिल हैं। आठ अक्तूबर से शुरू मेला 11 अक्तूबर तक चलेगा।
मेले में सब्जियों, फलों, खेतीबाड़ी में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों, दूध उत्पादन, मछली पालन, भेड़ पालन, पशु पालन, फसलों आदि के स्टाल लगाए गए हैं। प्रदेश के कोने-कोने से उक्त विभागों के वैज्ञानिकों और किसानों द्वारा तैयार उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। मेले के जरिए यह बताया गया कि जम्मू कश्मीर में किस क्षेत्र में क्या क्या पैदा होता है। यह भी कि सस्ते दाम पर कितने उत्पाद मिल सकते हैं, जो विभाग और किसानों के पास मौजूद हैं। किसानों को यह भी बताने का प्रयास किया गया है कि वह तकनीक से कृषि और डेयरी क्षेत्र में कितना कमा सकते हैं।
किसानों को तकनीक और पैदावार के तमाम गुण बताए गए हैं। किसानों को बताया गया कि कृषि विभाग, बागवानी, पशु पालन, मछली पालन, भेड़ पालन आदि विभागों के पास कौन-कौन से उत्पादों के बीज, तकनीक और किस्में मौजूद हैं, जिनके जरिए वह आमदनी को दुगना कर सकते हैं। वैज्ञानिकों की ओर से इन उत्पादों की तैयार किस्में भी प्रदर्शनी में लगाई गई हैं। जम्मू-कश्मीर के लगभग हर जिले के कृषि विज्ञान केंद्र और संबंधित विभाग की ओर से अपने क्षेत्र में पैदा होने वाले उत्पादों की प्रदर्शनी शामिल है। किसानों के लिए कांफ्रेंस भी आयोजित की गई। कृषि विवि के उपकुलपति जे पी शर्मा और रिसर्च विभाग के निदेशक जे पी शर्मा मुख्य रूप से मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: सचिवालय कर्मचारियों का आधा माह छुटि्टयों में बीतेगा, जानिए कब-कब होगें अवकाश
केंद्रीय मंत्री परशोतम रुपाला ने सभी स्टालों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से कई योजनाओं को शुरू किया गया है। किसानों को चाहिए कि वह इसका अधिक से अधिक लाभ लें। योजनाओं को अपनाकर किसान अपनी आय को दुगना कर सकते हैं। मंत्री ने स्कास्ट में बनाए गए मछली पालन प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी किया। मेले में पशु प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसमें घोड़े, गाय, भैंस, भेड़ें आदि हैं।
क्या कुछ है प्रदर्शनी में और खरीद के लिए
कश्मीर का सेब, केसर, अखरोट, जम्मू संभाग का आम, अमरूद, लीची, फल-सब्जियां, बासमती, राजमा, माश, शहद आदि समेत करीब एक हजार उत्पाद प्रदर्शनी में हैं। पूरी तरह से जैविक खेती से तैयार किए उत्पाद भी शामिल हैं।
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शेर-ए-कश्मीर कृषि एवं तकनीकी विज्ञान विश्वविद्यालय(स्कास्ट जे) में गुरुवार को कृषि मेले का रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ आगाज हुआ। इस दौरान कलाकारों ने मेले में समा बांध दिया। कई पशुुओं ने भी करतब दिखाए। खेलकूद का आयोजन भी किया गया। इसमें स्थानीय खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। मेले का उद्घाटन केंद्रीय पशुपालन मंत्री परशोतम रुपाला ने किया। इसमें 200 से अधिक स्टाल लगाए हैं, जिसमें प्रदेश के वैज्ञानिकों और किसानों के उत्पाद शामिल हैं। आठ अक्तूबर से शुरू मेला 11 अक्तूबर तक चलेगा।
मेले में सब्जियों, फलों, खेतीबाड़ी में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों, दूध उत्पादन, मछली पालन, भेड़ पालन, पशु पालन, फसलों आदि के स्टाल लगाए गए हैं। प्रदेश के कोने-कोने से उक्त विभागों के वैज्ञानिकों और किसानों द्वारा तैयार उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। मेले के जरिए यह बताया गया कि जम्मू कश्मीर में किस क्षेत्र में क्या क्या पैदा होता है। यह भी कि सस्ते दाम पर कितने उत्पाद मिल सकते हैं, जो विभाग और किसानों के पास मौजूद हैं। किसानों को यह भी बताने का प्रयास किया गया है कि वह तकनीक से कृषि और डेयरी क्षेत्र में कितना कमा सकते हैं।
किसानों को तकनीक और पैदावार के तमाम गुण बताए गए हैं। किसानों को बताया गया कि कृषि विभाग, बागवानी, पशु पालन, मछली पालन, भेड़ पालन आदि विभागों के पास कौन-कौन से उत्पादों के बीज, तकनीक और किस्में मौजूद हैं, जिनके जरिए वह आमदनी को दुगना कर सकते हैं। वैज्ञानिकों की ओर से इन उत्पादों की तैयार किस्में भी प्रदर्शनी में लगाई गई हैं। जम्मू-कश्मीर के लगभग हर जिले के कृषि विज्ञान केंद्र और संबंधित विभाग की ओर से अपने क्षेत्र में पैदा होने वाले उत्पादों की प्रदर्शनी शामिल है। किसानों के लिए कांफ्रेंस भी आयोजित की गई। कृषि विवि के उपकुलपति जे पी शर्मा और रिसर्च विभाग के निदेशक जे पी शर्मा मुख्य रूप से मौजूद रहे।
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केंद्रीय मंत्री परशोतम रुपाला ने सभी स्टालों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से कई योजनाओं को शुरू किया गया है। किसानों को चाहिए कि वह इसका अधिक से अधिक लाभ लें। योजनाओं को अपनाकर किसान अपनी आय को दुगना कर सकते हैं। मंत्री ने स्कास्ट में बनाए गए मछली पालन प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी किया। मेले में पशु प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसमें घोड़े, गाय, भैंस, भेड़ें आदि हैं।
क्या कुछ है प्रदर्शनी में और खरीद के लिए
कश्मीर का सेब, केसर, अखरोट, जम्मू संभाग का आम, अमरूद, लीची, फल-सब्जियां, बासमती, राजमा, माश, शहद आदि समेत करीब एक हजार उत्पाद प्रदर्शनी में हैं। पूरी तरह से जैविक खेती से तैयार किए उत्पाद भी शामिल हैं।