आप सभी ने मां के लाल और पापा की परी के बारे में भलीभांति सुना होगा। पर क्या आपने कभी “पापा के परे” नामक शब्द सुना है ? मां के बारे में आप अपने जीवन में काफी चर्चा व बातचीत करते होंगे, पर क्या आपने अपने पापा की ज़िंदगी के बारे में कभी सोचा है ? हमारे पापा अक्सर घर से या फिर कभी-कभी शहर के भी बाहर रहते हैं, पर क्या इसकी वजह से वो हमारे दिल के भी बाहर हो गए हैं ?
इन अनकहे सवालों पर अगर आपको खेद है और आप इन पे रोने के बजाय हसंते-हंसते इनके उत्तर चाहते हैं, तो आपकी मनोकामना सुन ली गई है !
7 दिसंबर, शुक्रवार, 7 बजे, गुड़गांव के कोहो विला में दो हास्य कवि “अर्पण खोसला” और “गौरव अरोरा” आपके पापा की छवि बदलने आ रहे हैं। इनके शो का नाम हैं “पापा के परे” और ये एक घंटे का मनोरंजक और बौद्धिक कार्यक्रम है।
यूं तो एनसीआर में काफी कार्यक्रम होते हैं मगर है अलग इसलिए है क्योंकि इसमें आपको कविता और कॉमेडी दोनों का अद्भुत मिश्रण मिलेगा। 'गौरव' और 'अर्पण' इकलौते हैं जो देश में इस तरह के कार्यक्रम करने के लिए प्रसिद्ध हैं।
तो सोचिए मत! पापा पे आधारित इस पोमेडी इवेंट का लुत्फ उठाने के लिए जल्द ही अपनी टिकट बुक कीजिए और अपने पापा की ज़िन्दगी के मजेदार सच जानिए !
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