अमर उजाला काव्य डेस्क, नई दिल्ली
मुहब्बत है तो कुछ वादे भी होंगी, कसमें भी खाई जाएंगी साथ निभाने की, मिलने की। फ़िल्मी गीतों में भी इस भाव को ख़ूब उकेरा गया है। इसलिए पेश हैं फ़िल्मी गीतों के वे हिस्से जिनमें वादों को लेकर बात हुई है।
वादा करो नहीं छोड़ोगी तुम मेरा साथ
जहाँ तुम हो वहाँ मैं भी हूँ
- साहिर लुधियानवी
कितना प्यारा वादा है, इन मतवाली आँखों का
इस मस्ती में सूझे ना, क्या कर डालूं हाय
मोहे संभाल
- मजरूह सुल्तानपुरी
वही पुराना, तेरा बहाना
देर से आना और ये कहना
वादा तो निभाया, वादा तो निभाया
- राजेन्द्र- कृष्णा
क्या हुआ तेरा वादा
वो कसम वो इरादा
भूलेगा दिल जिस दिन तुम्हें
वो दिन ज़िन्दगी का आखिरी दिन होगा
- मजरूह सुल्तानपुरी
कसमे वादे प्यार वफ़ा सब
बातें हैं बातों का क्या
- इन्दीवर
क़स्मे-वादे निभाएंगे हम
मिलते रहेंगे जनम-जनम
ओ देखा मैने तुझको तो मुझे ऐसा लगा
बरसों का सोया हुआ प्यार मेरा जगा
- गुलशन बावरा
जो दिल ने दिल से बांधा है, बड़ा ही नाजुक धागा है
किया जो तूने वादा है, ना तोड़ना
- समीर
तुम अगर साथ देने का वादा करो
मैं यूँ ही मस्त नग़मे लुटाता रहूं
- साहिर लुधियानवी
वादा करे ले साजना तेरे बिना मैं न रहूँ
मेरे बिना तू न रहे हो के जुदा ...
- आनंद बख़्शी
जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा
रोके ज़माना चाहे रोके खुदाई तुमको आना पड़ेगा
- साहिर लुधियानवी
अमर उजाला काव्य डेस्क, नई दिल्ली