'गगन' का अर्थ होता है आकाश या आसमान। अमर उजाला 'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- गगन। प्रस्तुत है शिवमंगल सिंह 'सुमन' की कविता सुप्रसिद्ध कविता: हम पंछी उन्मुक्त....
हम पंछी उन्मुक्त गगन के
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जब ढह रही हों आस्थाएं
जब भटक रहे हों रास्ता
तो इस संसार में एक स्त्री पर कीजिए विश्वास...और पढ़ें
यूँ तो वो हर किसी से मिलती है
हम से अपनी ख़ुशी से मिलती है
सेज महकी बदन से शर्मा कर
ये अदा भी उसी से मिलती है
वो अभी फूल से नहीं मिलती
जूहिए की कली से मिलती है ...और पढ़ें
व्यंग्य,नाटक, उपन्यास व कहानी हर विधा में नरेन्द्र कोहली को कौन नहीं जानता। उनके लाखों पाठक देश विदेश में बिखरे हैं। उनके उपन्यासों की लंबी श्रृंखलाएं हैं। चाहे 'महासमर' हो, 'अभ्युदय' हो या 'तोड़ो कारा तोड़ो'--इनके कई कई खंड ल...और पढ़ें
प्रख्यात साहित्यकार डॉ नरेंद्र कोहली का निधन हो गया। पिछले कुछ दिनों से वे बीमार थे। गंभीर रूप से कोरोना से पीड़ित थे। उन्होंने आज शाम 6 बजकर 40 मिनट पर अंतिम सांस ली। कोरोना से संक्रमित होने के कारण दिल्ली के सेंट स्टीफंस अस्पताल में भर्ती कराया गया...और पढ़ें
अब याद आता है......
अब याद आता है, उसका मुस्कुराना;
उसका बात बात पर मुझे परेशान करना
अब याद आता है।
बात बात पर बात करने का बहाना ढूंढना,
अब याद आता है।
कभी मेरी गलती पर तो कभी खुद की गऔर पढ़ें
जीना है हिम्मत का काम,
हिम्मत आती हौंसलें से,
हौंसला आता विश्वास से,
विश्वास आता आशा से,
आशा होती चाहत से,
चाहत होती प्रेम से,
प्रेम होता दिल से,
दिल होता धड़कन से,
धड़कन होती साँसों से,
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टूटी फूटी अंग्रेजी सीख शहर से
लौट गांव और जनाब वोले अंग्रेजी पहले पहर से
पत्नी आई पास
थी थोड़ी उदास
वोली वहुत दिन वाद आये
वहुत याद आये
जनाब ने दिखाया रौब
आव देखा न ताव
वोले जाओ और बनाओ टू कप टी...और पढ़ें
तुम जो मुझे छूकर गयी हो
पूरा विचारों को
एक नयी असर दे गयी हो
कुछ मेरा विकार दूर कर
वो एक नयी संस्कार दे गयी हो
हां तुम जो मुझे यूं छूकर गयी हो "
-HeeraSahu
हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्...और पढ़ें
क्यों ये रात ढलती नहीं
कितनी कि कोशिशों का इंतज़ार
लेकिन परिणामों की रात क्यूं ढलती नहीं
लंबी कतार में खड़ी बैठी हूं
लेकिन मेरा मुकाम का चांद क्यूं खिलता नहीं
कहीं दिनों तक बेड़ियां लेके चल र...और पढ़ें