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बारिश को गुजरे अरसा हुआ, लेकिन इसके पानी को नगर निगम अभी तक निकाल रहा है। ये चमत्कार है इसके कुछ मुलाजिमों का, जो कागजों पर बाढ़ पंपिंग स्टेशन चलाकर डीजल चोरी कर रहे हैं। जोन छह के टिकैतराय पंपिंग स्टेशन के लिए रोजाना 70 लीटर डीजल दिया जा रहा है। इसी तरह 22 गाड़ियों के लिए 373 लीटर डीजल एक ही वाहन को एक स्लिप पर ड्रम में भरकर दे दिया गया। तेल जारी करने में की जा रहीं ऐसी गड़बड़ियां इसी महीने हुईं गोपनीय जांचों में सामने आई हैं। इससे साफ है कि नगर निगम में बड़े पैमाने पर तेल चोरी का खेल चल रहा है। सूत्रों की मानें तो हर साल इससे करीब दस करोड़ रुपये की चपत लग रही है।
तेल चोरी रोकने के उपाय फेल होने से नगर निगम में डीजल-पेट्रोल का सालाना खर्च 50 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। खास बात यह है कि औचक निरीक्षण, ऑडिट और बिल भुगतान की जांच में तेल जारी करने में चल रहा खेल पकड़ा जा चुका है, फिर भी सुधार नहीं हो रहा है। जानकार बताते हैं कि इसकी बड़ी वजह हर स्तर पर चल रही बंदरबांट है।
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केंद्रीय कार्यशाला से हटाकर जोनल स्तर पर तेल जारी करने की व्यवस्था की गई तो उसमें भी नए हिस्सेदार बन गए और खर्च कम होने के बजाय बढ़ गया। तेल चोरी से कमाई कर रहे कर्मचारियों ने न तो जीपीएस और न ही व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) चलने दिया। पांच साल पहले जब वीटीएस लगने शुरू हुए, तब कर्मचारियों ने इन्हें लगाने वालों को ही धमकाकर भगा दिया था। फिर एवेरज से तेल देने की व्यवस्था लागू की गई तो 500 में से 300 गाड़ियों के फ्यूल मीटर ही खराब निकले थे। इन्हें सही भी कराया गया, पर कोई फायदा नहीं मिला।
पांच साल में डेढ़ गुना हुआ खर्च
नगर निगम में डीजल-पेट्रोल खर्च पांच साल में डेढ़ गुना हो गया है। पांच साल पहले यह 35 करोड़ था, जो अब 50 करोड़ रुपये हो गया है। सूत्रों का कहना है कि यह खर्च तेल चोरी बढ़ने से हुआ है, क्याेंकि अब ईकोग्रीन भी कूड़ा उठा रही है। ऐसे में तेल खर्च कम होना चाहिए। इससे साफ है कि तेल की चोरी हो रही है। इसमें ज्यादातर लोग शामिल रहते हैं, इस कारण सभी आंखें बंद किए हैं।
पुरानी मशीन से दे रहे तेल, सील
नगर निगम के पंप पर तीन मशीनें हैं। इनमें से दो नई हैं। फिर भी पुरानी मशीन से तेल दिया जा रहा था, जिससे खेल किया जा सके। जांच में मामला सामने आने पर नगर निगम ने पुरानी मशीन सील करवा दी है। अब नई मशीनों से ही तेल दिया जाएगा। साथ ही नगर निगम के प्रवर्तन दल के रिटायर्ड सैनिकों को भी तैनात कर दिया गया है। ये आरआर विभाग के अलावा बाहर के जिन आठ पंपों से नगर निगम की गाड़ियां तेल लेती हैं, वहां तेल चोरी को लेकर निगरानी करेंगे।
आदेश को भी नहीं माना जा रहा
आदेश है कि जिन गाड़ियों का वीटीएस सिस्टम चालकों ने तोड़ दिया है या खराब कर दिया है, उन्हें तेल नहीं दिया जाएगा। जब सिस्टम ठीक हो जाएगा, तभी तेल दिया जाएगा। इसके बाद भी ऐसी गाड़ियों को तेल दिया जा रहा है।
दोषियों पर रहेगी सख्ती
अपर नगर आयुक्त पंकज सिंह ने बताया कि पुरानी मशीन को बंद कर दिया गया है। तेल चोरी रोकने के लिए ही आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइस) सिस्टम लाया जा रहा है। पूर्व में हुई जांच में जो कर्मचारी तेल चोरी में दोषी मिले, उन पर कार्रवाई हुई। आगे भी सख्ती की जाएगी।