लेखकों की असुरक्षा और देश के मौजूदा हालात से नाखुश मशहूर शायर व लेखक मुनव्वर राणा ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया है।
एक टीवी चैनल के लाइव कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अकादमी का यह सम्मान लौटाया। सम्मान लौटाते वक्त मुन्नवर राणा ने कहा कि वे देश की मौजूदा हालात से व्यथित और मायूस हैं जिस कारण उन्होंने यह फैसला लिया।
रविवार को टीवी चैनल एबीपी के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे नामी शायर मुन्नवर राणा ने साहित्य अकादमी पुरस्कार के साथ एक लाख का चैक भी लौटा दिया।
सम्मान लौटाते वक्त मुन्नवर राणा ने कहा कि वे रायबरेली से आते हैं और सत्ता मेरे शहर की गलियों से गुजरती रही है लेकिन मैंने कभी उधर की तरफ देखा तक नहीं।
उन्होंने कहा कि साहित्यकारों और लेखकों को किसी न किसी पार्टी से जोड़ा जा रहा है। भविष्य में मुझे भी पाकिस्तानी करार दिया जा सकता है। वहीं उन्होंने ऐलान किया कि भविष्य में कभी कोई सरकारी सम्मान नहीं लेंगे।
कार्यक्रम में मौजूद साहित्यकारों, लेखकों और कवियों ने मुन्नवर राणा से सम्मान न लौटाने की अपलीन की लेकिन उन्होंने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया। बता दें अब तक करीब 17 लेखक और सहित्यकार साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा चुके हैं।
लेखकों की असुरक्षा और देश के मौजूदा हालात से नाखुश मशहूर शायर व लेखक मुनव्वर राणा ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया है।
एक टीवी चैनल के लाइव कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अकादमी का यह सम्मान लौटाया। सम्मान लौटाते वक्त मुन्नवर राणा ने कहा कि वे देश की मौजूदा हालात से व्यथित और मायूस हैं जिस कारण उन्होंने यह फैसला लिया।
रविवार को टीवी चैनल एबीपी के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे नामी शायर मुन्नवर राणा ने साहित्य अकादमी पुरस्कार के साथ एक लाख का चैक भी लौटा दिया।