ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों का राशि परिवर्तन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। सभी नौ ग्रह एक निश्चित अंतराल पर अपनी राशि बदलते रहते हैं। ग्रहों के राशि बदलने से देश-दुनिया के साथ व्यक्ति के जीवन पर भी इस का गंभीर प्रभाव पड़ता है। ग्रहों के राशि परिवर्तन से कुछ राशि वालों की परेशानियां खत्म हो जाती हैं तो वहीं कुछ की शुरू भी हो जाती है। सभी ग्रहों में गुरु और शनि का राशि परिवर्तन जातकों के जीवन पर गहर प्रभाव छोड़ता है।
बीते 20 नवंबर 2021 को सबसे बड़े और शुभ ग्रह गुरु 12 साल बाद अपनी नीच राशि मकर से निकलकर शनि के राशि कुंभ में प्रवेश कर गए हैं। ज्योतिष में गुरु ग्रह का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह ग्रह भाग्य और सम्मान का कारक ग्रह होता है। कुंडली में गुरु ग्रह के मजूबत होने पर व्यक्ति का समाज में खूब मान-सम्मान और भाग्य में बढ़ोत्तरी होती है। गुरु ग्रह 13 महीनों के लिए किसी एक राशि में विराजमान रहते हैं। इससे पहले गुरु 2009 में कुंभ राशि में थे। गुरु कुंभ राशि में 13 अप्रैल 2022 तक गोचर करेंगे उसके बाद मीन राशि में चले जाएंगे। गुरु धनु और मीन राशि के स्वामी होते हैं। आइए जानते हैं कि गुरु का कुंभ राशि में प्रवेश करने से आगे आने वाले 13 महीने किन चार राशियों के लिए सबसे बेहतरीन शुभ परिणाम देंगे।
बीते 20 नवंबर 2021 को सबसे बड़े और शुभ ग्रह गुरु 12 साल बाद अपनी नीच राशि मकर से निकलकर शनि के राशि कुंभ में प्रवेश कर गए हैं। ज्योतिष में गुरु ग्रह का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह ग्रह भाग्य और सम्मान का कारक ग्रह होता है। कुंडली में गुरु ग्रह के मजूबत होने पर व्यक्ति का समाज में खूब मान-सम्मान और भाग्य में बढ़ोत्तरी होती है। गुरु ग्रह 13 महीनों के लिए किसी एक राशि में विराजमान रहते हैं। इससे पहले गुरु 2009 में कुंभ राशि में थे। गुरु कुंभ राशि में 13 अप्रैल 2022 तक गोचर करेंगे उसके बाद मीन राशि में चले जाएंगे। गुरु धनु और मीन राशि के स्वामी होते हैं। आइए जानते हैं कि गुरु का कुंभ राशि में प्रवेश करने से आगे आने वाले 13 महीने किन चार राशियों के लिए सबसे बेहतरीन शुभ परिणाम देंगे।