महानगरों में बढ़ती भीड़ के साथ ही लगातार बढ़ रही ट्रैफिक की समस्या से निजात पाना अब शायद संभव है। लेकिन इसके लिए आपको अपनी जेब कुछ ही ढीली करनी होगी। शहरों में एक जगह से दूसरी जगह के लिए हवाई टैक्सी सर्विस उन अधिकारियों के लिए एक सुविधा हो सकती है, जो अतिरिक्त पैसे खर्च करने से गुरेज नहीं करते हैं। नई दिल्ली स्थित Flyblade (फ्लाईब्लेड), जो Hunch Ventures (हंच वेंचर्स) और अमेरिका-आधारित फर्म Blade (ब्लेड) के बीच एक जॉइन्ट वेंचर है, इस सेगमेंट में आने के लिए हेलीकॉप्टर और इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (eVTOL, ईवीटीओएल) विमानों का इस्तेमाल कर की क्षमताओं का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
फ्लाईब्लेड पहले से ही देश के कुछ सबसे भीड़भाड़ वाले जमीनी मार्गों के लिए लागत प्रभावी एयर ट्रांसपोर्टेशन (हवाई परिवहन) के ऑप्शन मुहैया कराती है। कंपनी मुंबई, शिरडी, पुणे और बेंगलुरु से हेलीकॉप्टर-आधारित फ्लाइट सर्विस देती है। अब कंपनी इस महीने के आखिर में लगभग 3,500 रुपये में हेलीकॉप्टर टैक्सियों जरिए बेंगलुरु में हवाई अड्डे पहुंचाने की सर्विस देकर अपनी सेवाओं का विस्तार कर रही है। फर्म ने हाल ही में अगले कुछ वर्षों में और ज्यादा मार्गों में 200 वीटीओएल विमान जोड़ने की योजना का एलान किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लाईब्लेड इंडिया के प्रबंध निदेशक, अमित दत्ता ने कहा कि स्टार्ट-अप ने मुंबई-पुणे और मुंबई-शिरडी सहित मार्गों के बीच अब तक 1,000 यात्री बुकिंग को संभाला है। उन्होंने कहा, "हम तीन मुख्य चीजों को लक्ष्य कर रहे हैं, जिनमें हवाई अड्डा पहुंचाना, पर्यटन और चिकित्सा सेवाएं शामिल हैं। हमारे विस्तार के हिस्से के रूप में, हम परिवहन सेवा के रूप में और ज्यादा इंटरसिटी छोटे उड़ानों की पेशकश करने और अगले कुछ महीनों में महाराष्ट्र और कर्नाटक में टेक-ऑफ और लैंडिंग स्पॉट (हेलीपैड) का एक नया नेटवर्क विकसित करने की योजना बना रहे हैं।"
मुंबई-पुणे रूट पर सफर को पूरा करने में आमतौर पर एक यात्री को औसतन 4-5 घंटे लगते हैं। अब फ्लाईब्लेड की हेलीकॉप्टर टैक्सियों का इस्तेमाल करके इस यात्रा को लगभग 50 मिनट में पूरा किया जा सकता है। जिसके लिए एकतरफा की यात्रा के लिए इस समय लगभग 15,000 रुपये खर्च होते हैं। हालांकि, दत्ता को विश्वास है कि फ्लाईब्लेड के eVTO विमान में शिफ्ट होने के बाद वन-वे लागत में काफी कमी लाई जा सकती है। मौजूदा दौर में पेट्रोल आधारित हेलीकॉप्टर टैक्सियों के लिए प्रति किमी लागत लगभग 60 रुपये है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इलेक्ट्रिक वीटीओएल विमान का इस्तेमाल करके इसे लगभग 15-20 रुपये प्रति किमी तक लाया जा सकता है।
हालांकि, अभी भी शुरुआती चरण की कुछ समस्याएं हैं। मध्य जून से सितंबर के बीच मानसून के दौरान वीटीओएल विमान नहीं चलाए जा सकते हैं। साथ ही हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति की कमी एक और चुनौती है। दत्ता ने कहा कि भारत में सिर्फ 200 हेलीकॉप्टर हैं जो एनएसओपी (गैर अनुसूचित ऑपरेटर परमिट) द्वारा संचालित हैं, और उनमें से लगभग आधे तेल और खनन फर्मों के हैं। आपूर्ति की समस्या के समाधान के लिए, फ्लाईब्लेड इस समय एक लीजिंग मॉडल पर दांव लगा रही है जो राजस्व-साझाकरण के आधार पर गैर-अनुसूचित ऑपरेटरों (एनएसओपी) के साथ साझेदारी करता है। उन्होंने कहा कि लेकिन इन्हें भारतीय हवाई क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले नियामकों द्वारा पूरी तरह से प्रमाणित होने में 2-3 साल और लग सकते हैं।