इसरो ने कम बजट में कई हैरतअंगेज मिशन्स अंतरिक्ष में भेजे हैं। फिर चाहे बात आप मंगलयान की करें या चंद्रयान की। हमारे चंद्रयान ने ही सर्वप्रथम चांद की सतह पर पानी की मौजूदगी के बारे में पता लगाया था। यही नहीं मात्र 450 करोड़ की रकम में इसरो ने मंगलयान जैसे जटिल मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यही एक बड़ा कारण है, जिसके चलते देश दुनिया में इसरो का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। आने वाले भविष्य में इसरो ने कई बड़े स्पेस मिशन्स की रूपरेखा तैयार कर ली है। इन्हीं में से एक है चंद्रयान 3।
दो साल पहले चंद्रयान 2 मिशन के दौरान हमारा विक्रम लैंडर चांद की दक्षिणी सतह पर लैंड करने में नाकाम रहा था। हालांकि चंद्रयान 2 के तहत भेजा गया ऑर्बिटर आज भी सफलतापूर्वक काम कर रहा है। चंद्रयान 2 के सपने को पूरा करने के लिए चंद्रयान 3 मिशन अब पूरी तरह तैयार है। इसरो जल्द ही इस मिशन को चांद की सतह पर रवाना करने वाला है। ऐसे में आइए जानते हैं चंद्रयान 3 मिशन के बारे में -
दो साल पहले चंद्रयान 2 मिशन के दौरान हमारा विक्रम लैंडर चांद की दक्षिणी सतह पर लैंड करने में नाकाम रहा था। हालांकि चंद्रयान 2 के तहत भेजा गया ऑर्बिटर आज भी सफलतापूर्वक काम कर रहा है। चंद्रयान 2 के सपने को पूरा करने के लिए चंद्रयान 3 मिशन अब पूरी तरह तैयार है। इसरो जल्द ही इस मिशन को चांद की सतह पर रवाना करने वाला है। ऐसे में आइए जानते हैं चंद्रयान 3 मिशन के बारे में -