6 महीने का बच्चा अमानवीयता का शिकार हो गया। उसके साथ पति और पत्नी ने मिलकर ऐसी हरकत कर दी कि पुलिस वाले भी चौंक गए।
मामला चंडीगढ़ का है। पंचकूला सेक्टर-19 के पास स्थित वधावा नगर निवासी एक दंपती ने पहले तो अपने छह महीने के प्री-मैच्योर बच्चे को सहमति से एक अन्य दंपती को गोद दे दिया, लेकिन बच्चे के स्वस्थ होने पर बुधवार को दंपती ने गोद लेने वाले दंपती को धोखे से एडॉप्शन प्रक्रिया के कागज पूरे कराने के बहाने सेक्टर-17 स्थित एस्टेट ऑफिस बुलाया और बच्चे को लेकर गायब हो गया।
बच्चे और उसके असल मां-बाप को गायब देख छह महीने से बच्चे की मां बनीं खरड़ निवासी महिला पूजा का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पूजा और मनीमाजरा में कपड़े के शोरूम में बतौर कैशियर काम करने वाले उनके पति सागर ने बच्चे को अगवा करने की सूचना पुलिस को दी। अपहरण की सूचना पर पीसीआर व सेक्टर-17 थाने के पुलिसकर्मियों ने तुरंत मौके पर पहुंच कर दंपती से पूछताछ की।
पूजा ने बताया कि वर्ष 2011 में उनकी सागर से शादी हुई थी। वर्ष 2013 और वर्ष 2014 में उन्हें दो प्री-मैच्योर बच्चे हुए लेकिन वे जिंदा नहीं रह पाए। इस पर उन्होंने एक बच्चे को गोद लेना तय किया। इसके बाद वे पंचकूला के वधावा नगर निवासी सोनिया और उसके पति रवि राज के संपर्क में आए। उक्त दंपती ने पूजा और सागर से कहा कि वह एक बच्ची के मां-बाप हैं लेकिन दूसरे बच्चे का खर्च उठाने में असमर्थ हैं और उसे गोद देने को तैयार हैं।
छह महीने का प्री-मैच्योर होने पर दिया गोद
सेक्टर-32 जीएमसीएच में बीते वर्ष सोनिया को 6 महीने में ही प्री-मैच्योर बेबी ब्वॉय हुआ। इस बच्चे को सोनिया और रवि राज ने अपनी सहमति से खरड़ निवासी पूजा और सागर को गोद दिया और कागजी कार्रवाई बाद में पूरी करने को कहा। गोद दिए जाने के समय बच्चा अस्वस्थ था लेकिन पूजा ने उसकी खूब देखभाल की, जिससे अब वह 6 महीने का स्वस्थ बालक है।