आईपीएल 2022 का फाइनल मुकाबला आज दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा। यह स्टेडियम पहले मोटेरा के नाम से जाना जाता था। इसके बाद इसे दोबारा बनाया गया और 2021 में यह बनकर तैयार हुआ। मोटेर से नाम बदलकर इस स्टेडियम का नाम मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर कर दिया गया। नरेंद्र मोदी 2009 से लेकर 2014 तक गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम में अब तक 14 टेस्ट, 27 वनडे और छह टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जा चुके हैं। इसके अलावा इस स्टेडियम में 16 आईपीएल मैच भी हुए हैं। यह गुजरात टाइटंस टीम का होम स्टेडियम भी है। 2010, 2014 और 2015 में यह स्टेडियम राजस्थान रॉयल्स का होम ग्राउंड भी रहा था। आईपीएल 2021 में भी इसमें कुछ मैच हुए।
हालांकि, कोरोना की वजह से स्थगित होने के बाद यहां के सभी मैच यूएई शिफ्ट कर दिए गए थे। वहीं, आईपीएल 2022 में इस मैदान पर एक मैच खेला जा चुका है। क्वालिफायर-2 मैच में राजस्थान रॉयल्स ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को हराया था। अब इस मैदान पर आईपीएल 2022 का सबसे महत्वपूर्ण मैच खेला जाएगा। यह मैच गुजरात टाइटंस और राजस्थान रॉयल्स के बीच खेला जाएगा।
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में टॉस की भूमिका भी अहम रही है। इस मैदान पर बाद में बल्लेबाजी करना आसान है। पिछले साल इस मैदान पर खेले गए टी-20 मैचों में पहले बल्लेबाजी करते हुए 170 से कम का लक्ष्य देने वाली टीमों को एक भी जीत नसीब नहीं हुई है। यानी 170 से कम के टारगेट को चेज करते हुए बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम ने सभी मैच जीते हैं।
बाउंड्री: मैदान की कुल लंबाई 180 यार्ड x 150 यार्ड है। स्क्वायर लेग और डीप प्वाइंट पर मैदान की लंबाई 67 से 74 मीटर है। वहीं, बिहाइन्ड स्क्वायर यानी फाइन लेग, लॉन्ग लेग और थर्ड मैन पर मैदान की लंबाई 60 से 62 मीटर है। फ्रंट ऑफ स्क्वायर यानी कवर्स, एक्स्ट्रा कवर और डीप मिड विकेट पर मैदान की लंबाई 75 से 80 मीटर है।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम पिच रिपोर्ट
स्टेडियम में पांच काली मिट्टी की पिचें और छह लाल मिट्टी की पिचें हैं। काली मिट्टी की पिचें लाल मिट्टी की पिचों की तुलना में बेहतर उछाल देती हैं। काली मिट्टी की पिचें जल्द ही सूख जाती हैं और स्पिनरों या धीमे गेंदबाजों की सहायता करती हैं। नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच में रन बनाना काफी आसान है। अच्छी पिच और तेज आउटफील्ड का मतलब है कि बल्लेबाज कुछ अच्छे शॉट खेल सकते हैं। गेंदबाजों को नई गेंद से मदद मिल सकती है।