दिल्ली की एक विशेष अदालत ने आतंकी फंडिंग के मामले में दोषी करार यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यासीन मलिक घाटी के उन अलगाववादी में से एक है, जिसने यहां के युवाओं को बरगलाकर आतंकवाद में झोंकने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यासीन की फितरत सामने से सफेदपोश और अंदर से आतंक परस्त की रही थी। लेकिन उसका ये फरेब अदालत से छिप नहीं पाया।
बात साल 2015 की है। उधमपुर हमले में ट्रक क्लीनर जाहिद की मौत से घाटी में तनाव का माहौल था। अनंतनाग जिले में बंद के दौरान हिंसक प्रदर्शन हो रहे थे। इसी आग में घी डालकर अपना कद चमकाने के लिए जेकेएलएफ अध्यक्ष यासीन मलिक पहुंचा था। उसने समर्थकों के साथ अनंतनाग जिले के लाल चौक पर अनशन पर बैठने की कोशिश की।
बात साल 2015 की है। उधमपुर हमले में ट्रक क्लीनर जाहिद की मौत से घाटी में तनाव का माहौल था। अनंतनाग जिले में बंद के दौरान हिंसक प्रदर्शन हो रहे थे। इसी आग में घी डालकर अपना कद चमकाने के लिए जेकेएलएफ अध्यक्ष यासीन मलिक पहुंचा था। उसने समर्थकों के साथ अनंतनाग जिले के लाल चौक पर अनशन पर बैठने की कोशिश की।