17 साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 17 फरवरी 2020 को थलसेना में महिलाओं को बराबरी का हक मिलने का रास्ता साफ हो गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद महिलाओं को स्थायी कमीशन नहीं दिया गया। 17 महिला अधिकारियों की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने एक महीने के भीतर महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने पर विचार करने और नियत प्रक्रिया का पालन करते हुए दो महीने के भीतर स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया।
अब देश में महिलाएं अर्धसैनिक और सशस्त्र बलों में दमखम के साथ शामिल हो रही हैं। हाल ही में असम राइफल्स में तकरीबन 200 महिलाएं बतौर राइफल महिला शामिल हुईं हैं। अगली स्लाइड में जानिए कौन-कौन से खास देश हैं, जहां महिलाएं जांबाजी से बतौर सैनिक देश की सेवा में जुटी हुई हैं।
अमेरिका : महिलाएं अमेरिकी सेना में गैर युद्धक भूमिकाओं में काम करती थीं, लेकिन 2016 में अमेरिकी सरकार ने पेंटागन के प्रतिबंध को खत्म करते हुए महिलाओं को अग्रणी युद्ध मोर्चे पर काम करने की इजाजत दे दी। अमेरिकी थल सेना में युद्ध मोर्चे पर जाने की इजाजत मिलने के तीन साल के अंदर यानी 2019 में 2906 महिला सैनिकों को स्थलीय युद्ध में अहम पद दिया गया।
कनाडा, इजराइल व डेनमार्क : इन तीनों ही देशों ने 80 के दशक के मध्य से अंत के बीच अपनी सेनाओं में महिलाओं को लड़ाकू भूमिका में नियुक्ति दे दी थी। कनाडा ने 1989 में, इजराइल ने 1985 में और डेनमार्क ने 1988 में यह काम शुरू किया था। हालांकि, इजराइल में महिलाओं को सेना में शामिल करने का काम 1948 में गठन के साथ ही शुरू हो गया था। वहां महिलाओं का दो साल मिलिट्री में काम करना अनिवार्य है।
ब्रिटेन : 2018 में ब्रिटिश सेना ने महिलाओं के अग्रणी युद्ध मोर्चे पर सेवा देने पर लगा प्रतिबंध हटाया था। साथ ही उन्हें एलीट स्पेशल फोर्स में काम करने का अधिकार भी दिया था।
नार्वे : 1980 के मध्य में नार्वे पहला नाटो देश बना था, जिसने महिलाओं को पूरी तरह लड़ाकू भूमिका निभाने की इजाजत दी थी।
रूस : रूसी सेना में महिलाओं की संख्या 10 फीसदी से भी कम है।
भारत में क्या है स्थिति
- 1950 में बने आर्मी एक्ट में महिलाओं को सेना की स्थायी सेवा के लिए अयोग्य ठहराया गया था।
- 42 साल बाद सरकार ने महिलाओं को पांच शाखाओं में अधिकारी बनाने की अधिसूचना जारी की।
- 1992 जनवरी में महिलाओं के सेना में अधिकारी बनने का यह ऐतिहासिक पल आया।
- 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के सेना में स्थायी कमीशन पाने का रास्ता साफ किया।
- 03 महीने के अंदर सरकार को सभी सेवारत एसएससी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया।
- शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत 14 साल या उससे ज्यादा सेवाएं दे चुकी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन का मौका दिया जाएगा।