कोरोना काल में लोगों के लिए मसीहा बनकर उभरे सोनू सूद पिछले एक साल से लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं। साल 2020 में शुरू हुई इस खतरनाक महामारी से लगे लॉकडाउन के बीच सोनू सूद ने कई प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाते हुए नेक कार्यों की शुरुआत की थी। बस उस वक्त से लेकर आज भी मदद का सिलसिला लगातार जारी है। सोशल मीडिया पर लोग सोनू सूद से मदद मांगते हैं और अभिनेता उन्हें फौरन मदद पहुंचाते हैं। फिर चाहे वो कोविड से जुड़ी हो या कोई अन्य समस्या हो। सोनू सूद एक बार हां कर देते हैं तो सहायता लोगों तक पहुंच ही जाती है। लेकिन एक बात हैरान कर देने वाली है कि लोग अब सोनू सूद की निस्वार्थ भाव से की गई मदद पर भी सवाल उठाने लगे हैं। हाल ही कुछ ऐसा ही हुआ लेकिन सोनू ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया है।
दरअसल सोन सूद ने बीते दिनों उड़ीसा के गंजाम से मदद मांग रहे एक व्यक्ति की सहायता की थी। जिसके बाद उन्होंने ट्वीट कर बताया था कि मरीज की मदद हो चुकी है। लेकिन सोनू के इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए गंजाम के डीएम ने सोनू के द्वारा मदद करने की बात को झूठा करार दिया है। जिसके बाद सोनू सूद ने मरीज के परिजन के साथ हुई व्हॉट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट शेयर कर डीएम को करारा जवाब दिया है।
सोनू सूद ने ट्वीट कर लिखा, 'सर, हमने कभी दावा नहीं किया कि हमने आपसे संपर्क किया, जरूरतमंद ने हम से संपर्क किया और हमने उसके लिए बेड का इंतजाम कर दिया... मैं आपके लिए कुछ चैट भी शेयर कर रहा हूं। आपका ऑफिस बहुत अच्छा काम कर रहा है और आप डबल चेक कर सकते हैं कि हमने उसकी मदद की थी। मैंने आपको उसका नंबर मैसेज में भेजा है, जय हिंद।'
बता दें कि उड़ीसा के गंजाम जिले के डीएम के ट्विटर अकाउंट से एक पोस्ट शेयर किया गया था। जिसमें सोनू सूद के एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट अटैच था। इसके साथ उन्होंने लिखा था, 'हमारा सोनू सूद फाउंडेशन या फिर उनकी टीम से कोई संपर्क नहीं हुआ है। बताया गया मरीज होम आइसोलशन में है और उसकी हालत स्थिर है। बेड की कोई समस्या है ही नहीं। बहरामपुर मुनिसिपल कॉर्पोरेशन इसकी निगरानी कर रही है। सीएमओ उड़ीसा'।
पिछले दिनों भी सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने सोनू सूद को इतनी मदद करने के लिए ट्रोल किया था। लोगों का कहना था कि सोनू बिना किसी मतलब के लोगों की मदद क्यों कर रहे हैं। इस पर उन्होंने मुंहतोड़ जवाब दिया था और कहा था, किसी का उन्हें फ्रॉड कहना वैसा ही है, जैसे कई भ्रष्ट अधिकारी ईमानदारी से अच्छा काम करने वाले अधिकारी को निशाना बनाते रहते हैं। हालांकि, उनकी मानें तो वे ऐसे लोगों पर ध्यान देकर अपना वक्त बर्बाद नहीं करना चाहते।