तमिलनाडु के नीलगिरी में सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है। इस हेलीकॉप्टर में सीडीएस (चीफ आफ डिफेंस स्टाफ) बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी व अन्य अधिकारियों समेत कुल 14 लोग सवार थे, जिसमें सेना प्रमुख सहित 13 लोगों की मौत हो गई है। बता दें कि सालभर पहले तीन दिसंबर 2020 को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत गोरखपुर आए थे। वह महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह के मुख्य अतिथि बने थे। इस दौरान उन्होंने छात्रों को जीवन का खास मंत्र भी दिया था।
सीडीएस बिपिन रावत यहां पहुंचते ही वह सीधे गोरखनाथ मंदिर पहुंचे थे, जहां उन्होंने सीएम योगी से मुलाकात कर गुरु गोरखनाथ के दर्शन किए थे। इस दौरान उन्होंने बाबा गोरखनाथ के सामने माथा भी टेका था। बिपिन रावत ने रात में ही गोरखनाथ मंदिर का भ्रमण किया था। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ उनके साथ थे। बिपिन रावत ने पूरे मंदिर परिषद में भ्रमण कर पूरी जानकारी ली थी।
अगले दिन सेना प्रमुख बिपिन रावत ने छात्रों से कहा था कि पिछले कई सौ सालों से हमारे देश पर विदेशियों का कब्जा रहा है। जिसके कारण हमारी असली संस्कृति में बदलाव आया है। अब समय आ गया है कि हम अपनी पहचान को दोबारा लौटाएं। अपनी संस्कृति पर जोर दें। इसके लिए विद्यार्थियों को तैयार रहना होगा। संस्कृति से जुड़कर देश का प्राचीन गौरव वापस ला सकते हैं।
उन्होंने विद्यार्थियों को सफलता मंत्र समझाते हुए कहा था कि अगर तारों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे तभी चांद तक पहुंचना संभव हो सकेगा। सूरज की तरह चमकना है तो उसकी तरह जलना होगा। मेहनत के बाद जो सफलता मिलेगी, उसका स्वाद बिल्कुल अलग होगा।
जनरल रावत ने विद्यार्थियों को देश के प्रति जिम्मेदारी का अहसास कराते हुए कहा था कि देश किस तरह उन्नति करेगा, यह विद्यार्थियों की उन्नति पर निर्भर है। सही और गलत की पहचान करना सीखें और सोच को हमेशा ऊंचा रखें। ऊंची सोच से ही हमारा देश ऊंचाइयों पर जाएगा। इसके लिए उन्होंने टीम भावना पर बल दिया था। उन्होंने 'मैं' के प्रभाव से बाहर निकलकर 'हम' के भाव को अपनाने की सलाह भी दी थी।
जनरल ने विद्यार्थियों को अपने गुण-अवगुण पहचानने और अवगुणों को दरकिनार कर गुणों को साथ लेकर चलने की सीख भी दी थी। जनरल रावत ने बच्चों को एक प्रेरणादायी कविता भी सुनाई थी।
'असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो तुम
कहां खामियां रह गईं, इस पर विचार करो तुम
लगन के साथ आगे बढ़े चलो तुम
हर नई शिखर पर परचम लहराए चलो तुम'