कोरोना संक्रमण के बीच जब लोगों को घर से निकलने में डर लगने लगा, तो इस बीच कुछ ऐसे भी लोग थे, जिन्होंने न सिर्फ भीड़ में ड्यूटी की, बल्कि खुद को संक्रमित होने से बचाए भी रखा। कोरोना से जंग लड़ने का हुनर इनका कुछ जुदा नहीं था, बल्कि कोविड नियमों को पालन कर और जरूरी सतर्कता बरतते हुए उन्होंने इसपर जीत हासिल की। उन्होंने काढ़ा व योग के साथ प्रतिदिन व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। प्रस्तुत है कुछ ऐसे ही सरकारी कर्मचारियों के अनुभव, जिन्हें अपनाकर कोविड से बचाव किया जा सकता है-
चीफ टिकट इंस्पेक्टर लखनऊ मंडल मनोज द्विवेदी ने बताया कि ट्रेन में ड्यूटी के वक्त कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया। मसलन, हमेशा मास्क, फेस शील्ड और हेड कैप लगाए रखा। बार-बार हाथ को सैनिटाइज किया।
मनोज द्विवेदी ने बताया कि यात्रियों के बीच भी दूरी बनाकर ही टिकट को चेक किया। इनके अलावा पौष्टिक आहार, व्यायाम, भाप लेना आदि को दिनचर्या का हिस्सा बनाया। खुद को सकारात्मक सोच के साथ हमेशा काम में व्यस्त रखा। मुझे लगता है कि यही सब उपाय करके कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है।
सीएमओ कार्यालय के स्वास्थ्यकर्मी केडी शुक्ला ने बताया कि रोजाना बहुत सारे लोगों के संपर्क में रहना पड़ता था। डेढ़ साल से लगातार ड्यूटी करने के दौरान सीएमओ सहित दफ्तर में कई लोग संक्रमित हुए। उस समय भी मैंने कोविड प्रोटोकॉल को पूरी तरह पालन किया। हमेशा मास्क लगाया और बार-बार हाथों को सैनिटाइज करते रहा। जैसे ही बारी आयी, टीका भी लगवा लिया। घर पर भी सभी लोग कोरोना संक्रमण से बचे हुए हैं।
कोषागार कर्मचारी संघ महामंत्री रजनीश पांडेय ने बताया कि सुबह 45 मिनट योग करता हूं और सुबह व शाम में काढ़ा जरूर पीता हूं। दफ्तर में हमेशा मास्क लगाया, दूरी बनाकर रहा। पेंशन की विभिन्न दिक्कतों को लेकर बुजुर्ग दफ्तर में ज्यादा आते हैं। इसलिए उन्हें भी दूरी बनाकर बैठाया। मेरा मानना है कि कोविड नियमों का पालन करने से ही सभी लोग परिवार में सुरक्षित रहे।
राप्तीनगर डिपो के परिचालक प्रियांशु उपाध्याय ने बताया कि यह सही है कि यात्रियों के बीच रहकर खुद को संक्रमण से बचाए रखना बहुत मुश्किल है। लेकिन, मैंने हमेशा मास्क लगाया, ग्लव्स पहना और हाथों को समय-समय पर सैनिटाइज किया। प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रतिदिन काढ़ा पीता रहा। नकारात्मकता को कभी खुद पर हावी नहीं होने दिया।